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Fact Check: भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का स्थायी सदस्य बनने और वीटो पावर मिलने का वायरल दावा FAKE

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह दावा गलत है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थायी सदस्यता मिलने के साथ ही वीटो पावर का अधिकार मिल गया है। भारत अभी तक कुल आठ मौकों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रहा है, जिसका कार्यकाल दो वर्षों का होता है। हालांकि, इन सदस्यों को वीटो का पावर नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हालिया संपन्न क्वाड (Quad) की बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर अमेरिकी समर्थन के बाद सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर यूजर्स एक पोस्ट को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि भारत को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता मिलने के साथ ही उसे वीटो पावर भी मिल गया है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के पांचों स्थायी सदस्यों को हासिल है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। अमेरिका में हालिया संपन्न क्वाड की बैठक के दौरान अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता को लेकर भारत की दावेदारी का समर्थन किया था और साथ ही क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) की तरफ से जारी संयुक्त बयान में भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की मांग का जिक्र है, लेकिन यह दावा गलत पूरी तरह से गलत है कि भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन गया है और उसे वीटो पावर  मिल गया है।

क्या है वायरल?

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।

विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर पर भेजा गया क्लेम।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर भी कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक) ने इस दावे को भेजकर उसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

पड़ताल

संबंधित दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वेबसाइट को चेक किया। यहां मौजूद जानकारी के मुताबिक, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन  और अमेरिका शामिल हैं।”

Source-un.org

वहीं, मौजूदा 10 अस्थायी सदस्यों में अल्जीरिया, इक्वाडोर, गुयाना, जापान, माल्टा, मोजांबिक, रिपब्लिक ऑफ कोरिया (या दक्षिण कोरिया), सियरा लियोन, स्लोवेनिया और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।

गौरतलब है कि अस्थायी सदस्यों का चयन दो साल के कार्यकाल के लिए होता है। भारत कई मौकों पर इसका सदस्य रहा है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, “भारत आठ बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रहा है और बतौर अस्थायी सदस्य उसका हालिया कार्यकाल 2021-22 का था।”

बताते चलें कि अस्थायी सदस्य  सिक्योरिटी काउंसिल या सुरक्षा परिषद के एजेंडे को तय करने में भूमिका निभाते हैं, लेकिन उनके पास वीटो जैसी ताकत नहीं होती है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के केवल पांच स्थायी सदस्यों को ही वीटो का अधिकार है। इनमें से कोई भी सदस्य 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की तरफ से लाए गए किसी भी प्रस्ताव पर नेगेटिव वोट या वीटो का इस्तेमाल करता है, तो वह प्रस्ताव मान्य नहीं होगा।

Source-un.org

हमारी जांच से स्पष्ट है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थायी सदस्यता नहीं मिली है। न्यूज सर्च में भी ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता मिलने का जिक्र हो।

हालांकि, सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें हालिया संपन्न क्वाड की बैठक और उसकी तरफ से जारी संयुक्त बयान का जिक्र है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की मांग का समर्थन किया गया है। साथ ही अमेरिका के सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन किया गया है।

वायरल पोस्ट में किए गए दावे को लेकर हमने दैनिक जागरण नेशनल  ब्यूरो में विदेश मामलों को कवर करने वाले पत्रकार जे पी रंजन से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा, “भारत हमेशा से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की मांग करता रहा है। अमेरिका समेत सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य देश इस परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन भी करते रहे हैं।” उन्होंने कहा कि इससे पहले भारत यूएनएससी का अस्थायी सदस्य था, जिसका कार्यकाल दो वर्षों के लिए होता है।

हालिया तिरुपति प्रसाद विवाद के संदर्भ में वायरल हुए सोशल मीडिया दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह दावा गलत है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थायी सदस्यता मिलने के साथ ही वीटो पावर का अधिकार मिल गया है। भारत अभी तक कुल आठ मौकों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रहा है, जिसका कार्यकाल दो वर्षों का होता है। हालांकि, इन सदस्यों को वीटो का पावर नहीं है।

  • Claim Review : UNSC का स्थायी सदस्य बना भारत, मिली वीटो पावर की शक्ति।
  • Claimed By : FB User-Sunil Singh Sengar
  • Fact Check : झूठ
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