Fact Check : भाजपा के पूर्व विधायक को डिस्पोजल पत्तल में खाना परोसने वाली पोस्ट फर्जी है
- By: Ashish Maharishi
- Published: Sep 1, 2019 at 05:18 PM
- Updated: Sep 4, 2019 at 12:11 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में राजस्थान के पूर्व विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल को लेकर एक फर्जी पोस्ट वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि बीकानेर से सूरतगढ़ के रास्ते में वसुंधरा राजे और अन्य नेताओं को स्टील की थालियों में खाना परोसा गया, जबकि डॉ. विश्वनाथ मेघवाल को डिस्पोजेबल पत्तल में खाना खिलाया गया।
विश्वास टीम की पड़ताल में पता लगा कि डॉ. विश्वनाथ मेघवाल को डिस्पोजेबल पत्तल में खाना परोसने की बात झूठी है। मेघवाल के अलावा दूसरे कई नेताओं को भी क्रॉकरी (चीनी मिट्टी के बर्तन) की प्लेट में खाना परोसा गया था। बात उस वक्त की है, जब 26 अगस्त को वसुंधरा राजे बीकानेर से सूरतगढ़ जाते वक्त धीरेरां गांव में खाना खाने के लिए रुकी थीं।
क्या है वायरल पोस्ट में
भूपेंद्र सिंह नाम के फेसबुक यूजर ने 29 अगस्त को एक तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा, ”इससे बड़ी शर्मनाक घटना क्या हो सकती है? यह तस्वीर कल की है, कल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बीकानेर आयी थी बीकानेर से वो गंगानगर के लिए निकली रास्ते मे धीरेरा गांव में बीजेपी के ओबीसी मोर्चे के जिला अध्यक्ष भँवर जांगिड़ ने वसुंधरा के खाने की व्यवस्था की खाने की टेबल सजाई वसुंधरा व उनके बाकी साथी नेताओं को स्टील की थालियां दी गयी थी वहीं साथ पूर्व विधायक डॉ विश्वनाथ मेघवाल को एक डिस्पोजल पत्तल में खाना परोसा गया, आज इकीसवीं सदी में भी जब ऐसी जातिगत भेदभाव वाली घटनाएं देखते है तो सर शर्म से झुक जाता है कि हम कौनसी दुनियां में जी रहे है। आभार🙏 ओम प्रकाश चौधरी जी।”
इस पोस्ट दूसरे कई यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं।
पड़ताल
विश्वास टीम ने सबसे वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें Youtube पर एक खबर अपडेट नाम के अकाउंट पर एक वीडियो मिला। इस वीडियो से हमें पता चला कि वायरल तस्वीर 26 अगस्त की है। यह बीकानेर के गांव की है।
इसके बाद विश्वास टीम ने राजस्थान के बीकानेर के अखबारों को खंगालना शुरू किया। हमें राजस्थान पत्रिका के 27 अगस्त के बीकानेर संस्करण में एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि वसुंधरा राजे ने जिले के धीरेरां गांव में बबूल के पेड़ के नीचे बैठकर केर-सांगरी के साग और खाखरा का स्वाद लिया। खबर के साथ एक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया। इसमें वसुंधरा राजे को स्टील की थाली में खाना खाते हुए देखा जा सकता है। इस खबर में मौजूद तस्वीर में खाने की थाली और वसुंधरा राजे की साड़ी वायरल तस्वीर जैसी ही है।
वायरल पोस्ट का सच जानने के लिए विश्वास टीम ने डॉ. विश्वनाथ मेघवाल से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि डिस्पोजेबल पत्तल में खाना परोसने की वाली बात फर्जी है। उनके साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ, बल्कि वसुंधरा राजे ने तो उन्हें सम्मान देते हुए अपने बगल में बैठाया था। डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने हमें लंच की कुछ तस्वीरें और विस्तार से जानकारी देते हुए अपनी बात लिखकर भेजी।
पहली तस्वीर में यह साफ दिख रहा वसुंधरा राजे सिंधिया के बाएं तरफ बैठे डॉ. विश्वनाथ मेघवाल के सामने स्टील की थाली है।
दूसरी तस्वीर में डॉ. मेघवाल को चीनी क्रॉकरी की प्लेट में खाना खाते हुए देखा जा सकता है। वसुंधरा राजे के पास भी चीनी क्रॉकरी (चीनी मिट्टी के बर्तन) की कटोरियां देखी जा सकती हैं।
तीसरी तस्वीर में वसुंधरा राजे के दाएं ओर बैठे शख्स के सामने स्टील की थाली देखी जा सकती है। इसी शख्स के बगल में नोखा के विधायक बिहारी लाल को भी देखा जा सकता है। इनके सामने वैसी ही प्लेट है, जैसी डॉ. मेघवाल के सामने थी।
डॉ. विश्वनाथ मेघवाल का स्टेमेंट आप नीचे पढ़ सकते हैं…
”फ्लाइट एक घंटा देरी से होने व विभिन्न स्थानों पर भव्य स्वागत होने के कारण निर्धारित समय सीमा में गंतव्य स्थान सूरतगढ़ नहीं पहुंच पाए। अतः निर्णय लिया गया की धीरेरा गांव (लूणकरणसर) में पेड़ के नीचे ही भोजन ग्रहण किया जाए। वहां तीन थाली है। वह भी तीन प्रकार की। गांव के घर में जैसी उपलब्ध थी रखी गई। पर दिल्ली से पधारे अतिथि के सम्मान में मैंने अपनी थाली उनके आगे रख दी। वहां उपस्थित सभी सम्मानित व्यक्तियों को सफेद रंग की क्रॉकरी (चीनी मिट्टी के बने बर्तन) में खाना परोसा गया। इसमें नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई भी शामिल थे। ऐसे बर्तन डिस्पोजेबल नहीं होते तथा क्रॉकरी कटोरियों सभी के पास एक जैसी थी।”
डॉ. मेघवाल ने विश्वास टीम को बताया कि उन्हें पहले स्टील की थाली दी गई थी, लेकिन वह थाली उन्होंने दिल्ली से आए मेहमान को सम्मान में दे दी। उन्होंने बताया कि वहां मौजूद थाली भी कई तरह की थी। गांव में ऐसा ही होता है।
इसके बाद विश्वास टीम ने भाजपा के ओबीसी मोर्चो के जिला अध्यक्ष भंवर लाल जांगिड़ से संपर्क किया। उन्होंने ही लंच का इंतजाम किया था। उन्होंने हमें बताया कि डिस्पोजेबल पत्तल वाली पोस्ट फर्जी है। खाने के दौरान किसी के साथ भी कोई भेदभाव नहीं हुआ था। गांव में हमें जो बर्तन मिला, हमने उसी में मेहमानों को खाना परोसा था। मेहमानों को स्टील की थालियां, क्रॉकरी (चीनी मिट्टी के बर्तन) में खाना परोसा गया था। डॉ. मेघवाल को स्टील की थाली दी गई थी, लेकिन उन्होंने अपनी थाली दूसरे मेहमान को सम्मान में दे दी।
अंत में विश्वास टीम ने फर्जी पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर भूपेंद्र सिंह की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि एक खास विचारधारा में यकीन रखने वाले भूपेंद्र के अकाउंट को 1435 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि दलित नेता और पूर्व विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल को डिस्पोजेबल पत्तल में खाना परोसने वाली वायरल पोस्ट फर्जी है। उन्हें और दूसरे कई मेहमानों को चाइनीज क्रॉकरी (चीनी मिट्टी के बर्तन) की प्लेट में खाना परोसा गया था।
पूरा सच जानें…
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- Claim Review : दलित नेता को डिस्पोजल पत्तल में खाना परोसा गया
- Claimed By : भूपेंद्र सिंह
- Fact Check : झूठ