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Explainer: बारिश में मच्छरों का आतंक, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का लक्षण, अंतर और बचाव के बारे में जानें

बारिश के साथ ही मच्‍छरों के पनपने का सिलसिला भी जारी हो जाता है। इन मच्‍छरों के काटने से इंसान डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की चपेट में आ सकता है। विश्‍वास न्‍यूज के इस खास ऑर्टिकल में जानें मच्‍छर जनित इन तीनों बीमारियों के बारे में और उनसे बचाव के उपाय।

  • By: Ashish Maharishi
  • Published: Jul 29, 2024 at 11:39 AM
  • Updated: Aug 14, 2024 at 10:37 AM

नई दिल्‍ली। देश में एक बार फिर से मच्‍छर जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। अलग-अलग इलाकों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनियां के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। इसमें कुछ सावधानियां रखकर खुद को और अपनों को इन रोगों से बचाया जा सकता है। घरों और आसपास के क्षेत्रों में जगह-जगह पानी इकट्ठा होने के कारण मच्छर पनपते हैं। जमा हुए पानी में मच्‍छर अंडे देते हैं। जिनसे फिर लार्वा के माध्‍यम से मच्‍छरों का जन्‍म होता है। यदि समय रहते इनका इलाज नहीं किया जाए तो इनसे फैलने वाली बीमारियां जानलेवा हो सकती हैं। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां वेक्‍टर जनित रोग हैं, जो मच्छरों से काटने से फैलती हैं।

मच्‍छर जनित बीमारी क्या है?

संयुक्त राज्य अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अनुसार, मच्छर जनित बीमारियाँ वे बीमारियाँ हैं, जो संक्रमित मच्छर के काटने से इंसानों में फैलती हैं। मच्छरों द्वारा इंसानों में फैलने वाली बीमारियों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया शामिल हैं। मच्‍छरों का दूर भगाकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है।

मच्‍छर जनित बीमारियों के कारण

बारिश के मौसम में लार्वा से मच्‍छरों के पनपने की तादाद काफी बढ़ जाती है। जिन भी स्‍थानों पर पानी जमा रहता है, वहां मच्‍छर अपने अंडे देते हैं। इसीलिए विशेषज्ञ कहते हैं कि अपने घर में या घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दें। यदि आपके घर में कूलर या गमले हैं तो उसमें पानी इकट्ठा न होने दें।

लक्षण और बचाव

डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया – तीनों ही बीमारियां मच्‍छरों के काटने से होती हैं, लेकिन इन तीनों बीमारियों के लक्षण में अंतर भी होते हैं। आइए जानते हैं इन बीमारियों के अंतर के बारे में

डेंगू

डेंगू का यदि समय पर इलाज न करवाया जाए, तो इंसान की जान भी जा सकती है। डेंगू एक वेक्टर बोर्न डिजीज है। कई मामलों में यह जानलेवा भी साबित होता है। इसमें मरीज को बुखार रहता है। इसके अलावा कम भूख, जी मचलाना और उल्‍टी का मन जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा हाथ-पैर में दर्द भी इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है। डेंगू में व्‍यक्ति को सिर में, आंखों में तेज दर्द भी हो सकता है। जब डेंगू होता है तो मरीज को ठंड लगते हुए तेज बुखार होता है। कई बार त्‍वचा पर लाल चकत्ते भी हो सकते हैं। डेंगू में प्लेटलेट्स काफी तेजी से गिरते हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान के सेंटर फॉर कम्‍युनिटी मेडिसिन ने डेंगू बुखार के कारण, उपचार और बचाव को लेकर एक डॉक्युमेंट तैयार किया है। इसके अनुसार, भारत में यह रोग बारिश में और उसके तुरंत बाद के महीनों (जुलाई से अक्‍टूबर) में सबसे अधिक होता है। इस मौसम में मच्‍छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। इसलिए खासतौर से इस मौसम में हर सावधानियां बरतनी चाहिए।

चिकनगुनिया के लक्षण

यदि चिकनगुनिया की बात करें तो इसमें मरीज के शरीर पर हल्‍के लाल रंग के दाने या चकत्ते देखे जा सकता हैं। इसके अलावा शरीर में जकड़न भी देखने को मिल सकती है। हालांकि, चिकनगुनिया में डेंगू की तरह प्लेटलेट्स कम नहीं होते हैं। जोड़ों में दर्द, तेज बुखार, तेज सिरदर्द और चक्‍कर आना भी इसके प्रमुख लक्षण हैं।

मलेरिया के लक्षण

भारत सरकार के नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल के मुताबिक, मलेरिया में बुखार, सिरदर्द, उल्टी और अन्य फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं। परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित कर उन्हें नष्ट कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप एनीमिया, दौरे/ऐंठन और थकान महसूस होती है। गर्भावस्था में मलेरिया से माँ, गर्भस्थ शिशु और नवजात शिशु को बहुत ज़्यादा खतरा होता है। गर्भवती महिलाएँ मलेरिया संक्रमण से निपटने और उसे ठीक करने में कम सक्षम होती हैं, जिससे अजन्मे भ्रूण पर बुरा असर पड़ता है। मलेरिया में इंसान को ठंड लगती है। कई बार कब्ज़, घबराहट और बेचैनी आदि होने लगती है।

गौतम बुद्ध नगर स्थित फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ.डीके गुप्ता कहते हैं कि मच्‍छर जनित किसी भी बीमारी होने का सबसे बड़ा कारण आसपास जमा पानी है। जिन जगहों पर पानी जमा रहता है, वहां लार्वा आसानी से पनपते हैं। हर साल मानसून में डेंगू के मरीजों की तादाद बढ़ जाती है। ऐसे में घर में मौजूद कूलर, गमले या किसी भी जगह पर पानी जमा है, तो उसे हटा दें। इसके अलावा घर के आसपास किसी सार्वजनिक स्‍थान या मैदान में पानी जमा हो रहा है, तो उसे भी सूखा दें।

डॉ. गुप्‍ता कहते हैं कि बच्चे और बूढ़े को इन बीमारियों की आशंका ज्‍यादा होती है, क्‍योंकि इनकी इम्‍युनिटी कमजोर होती है।

घर में या घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दें।
खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। इन पर जालियां लगवा दें।
घर में दिन और रात में मॉस्‍किटो रेपेलेंट का इस्‍तेमाल करें।
घर में फुल कपड़ें पहने। इसके अलावा बच्‍चों को फुल कपड़ें पहनाकर ही स्‍कूल भेजें।
मच्‍छरदानी लगाकर सोएं।

निदान मदर एंड चाइल्‍ड केयर के पीडियाट्रिशियन और वरिष्‍ठ डॉ. राजीव रंजन ने विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में बताया कि कई रिसर्च से यह साबित हो चुका है कि कुछ ऑयल्‍स मच्‍छरों को दूर रखते हैं। इसमें खासतौर से पीपरमेंट ऑयल, लौंग का तेल और सिट्रोनेला ऑयल प्रमुख हैं। इनका इस्‍तेमाल करके मच्‍छरों को दूर भगाया जा सकता है। इन तेलों का इस्‍तेमाल करके आठ से 11 घंटे तक मच्‍छरों को दूर रखा जा सकता है।

डॉ. राजीव रंजन आगे कहते हैं कि यदि इम्‍युनिटी पर काम किया जाए तो शरीर को इन बीमारियों से लड़ने में मदद मिल सकती है। डॉ. राजीव रंजन ने ऐसे मरीजों के लिए एक डाइट प्‍लान भी बनाया है। इस डाइट प्‍लान को नीचे देखा जा सकता है।

खूब सारा तरल पदार्थ लें। पानी का अधिक से अधिक सेवन करें, ताकि शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) न हो।
शरीर के लिए प्रोटीन जरूरी है। इसलिए दाल, सोयाबीन, पनीर और अंडे को अपनी खुराक में शामिल करें।
इसके अलावा खाने में विटामिन सप्लीमेंट और ढेर सारा फाइबर का भी ध्‍यान रखें।
शरीर की इम्‍युनिटी बढ़ाने के लिए आंवले के च्यवनप्राश का भी नियमित सेवन किया जा सकता है।

फर्जी खबरों से रहें दूर, पढ़ें विश्‍वास न्‍यूज की फैक्‍ट चेक खबरें

सोशल मीडिया पर अक्‍सर ऐसी पोस्‍ट वायरल होती है, जिसमें दावा किया जाता है कि कुछ चीजों या दवाइयों के इस्‍तेमाल से डेंगू जैसी बी‍मारियों से बचा जा सकता है।

Fact Check : डेंगू से बचाव के लिए नारियल तेल नहीं कोई उपयोगी उपाय

सोशल मीडिया में अक्‍सर एक मैसेज वायरल होता है। इसमें दावा किया जाता है कि घुटनों के नीचे नारियल के तेल लगाने से डेंगू के मच्‍छरों से बचा जा सकता है। विश्‍वास न्‍यूज ने विस्‍तार से इस मैसेज की समय-समय पर पड़ताल की है। इस फैक्‍ट चेक रिपोर्ट को यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

Fact Check: 48 घंटों में कैरीपिल से डेंगू ठीक होने का दावा करने वाली पोस्ट भ्रामक

नारियल तेल की तरह सोशल मीडिया में कैरीपिल नाम की एक दवा से जुड़ा दावा भी काफी वायरल होता है। इस दावे में कहा जाता है कि यह दवा 48 घंटे में डेंगू को ठीक कर देती है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में दावा भ्रामक साबित हो चुका है। इस पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

डिस्क्लेमर : यह ऑटिकल एक्सपर्ट्स की मदद से लिखा गया है। यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए है। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया सभी मच्छर जनित बीमारियां हैं। इनके लक्षण दिखने पर अपने डॉक्‍टर से परामर्श लें।

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