Fact Check: वाडीलाल आइसक्रीम में गोमांस फ्लेवर मिलाए जाने का दावा फेक, हलाल महज एक सर्टिफिकेशन प्रक्रिया
हलाल सर्टिफिकेशन वाले वाडीलाल की आइसक्रीम में गोमांस का फ्लेवर मिलाए जाने का दावा फेक और दुष्प्रचार है। हलाल सर्टिफिकेशन कुछ चुनिंदा इस्लामी देशों में निर्यात के लिए जरूरी सर्टिफिकेशन या प्रमाणन है, जिसका किसी उत्पाद में मांस होने या न होने से कोई संबंध नहीं है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jul 2, 2024 at 04:46 PM
- Updated: Jul 3, 2024 at 04:13 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वाडीलाल आइसक्रीम को लेकर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह ब्रांड अपने आइसक्रीम में गोमांस के फ्लेवर का इस्तेमाल करता है और इसी वजह से यह अपने उत्पादों पर हलाल सर्टिफिकेशन का इस्तेमाल करता है। इस पोस्ट के जरिए वाडीलाल आइसक्रीम का बहिष्कार किए जाने की अपील की जा रही है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। जिन पैकेट पर हलाल सर्टिफिकेशन की तस्वीर लगी होती है, वे भारतीय बाजारों के लिए उपलब्ध नहीं है और बल्कि ये उत्पाद इस्लामी देशों को निर्यात किए जाते हैं, जिसके लिए हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत होती है। साथ ही हलाल सर्टिफिकेशन का मतलब किसी उत्पाद में मांस की मौजूदगी से नहीं है, बल्कि यह इस्लामी देशों में निर्यात संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाना वाला सर्टिफिकेशन है। वाडीलाल के आइसक्रीम शुद्ध शाकाहारी उत्पाद हैं।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘रामेश्वर लाल जाट’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ” वाडीलाल आईस्क्रीम का ब्रांड आईसक्रीममे गोमांस के फ्लेवर का उपयोग करता है और इसी कारण वाडीलाल ने हलाल सर्टिफिकेट कार्टन पर छाप लिया है तो आज से कोई हिंदू वाडीलाल का आईस्क्रीम न खाए?? सभी हिंदू भाई इसका बड़े पैमाने पर बायकाट करें???* और ये पोस्ट ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
जांच की शुरुआत करते हुए हमने वाडीलाल की वेबसाइट को चेक किया, जहां यह बताया गया है कि वाडीलाल के किसी भी उत्पाद में आर्टिफिशियल फ्लेवर, प्रिजर्वेटिव या अंडा नहीं मिलाया जाता है। साथ ही इसमें बताया गया है कि वाडीलाल के सभी उत्पाद शुद्ध शाकाहारी हैं, जिसे 100% मिल्क क्रीम से बनाया जाता है।
सर्च में हमें वाडीलाल एंटरप्राइजेज लिमिटेड के आधिकारिक लिंक्डइन प्रोफाइल इस वायरल दावे से संबंधित स्पष्टीकरण मिला, जिसमें इसका खंडन किया गया है।
पोस्ट में लिखा गया है, “हम यह बताना चाहते हैं कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद को भारत में बेचे जाने का दावा फेक है। वाडीलाल शुद्ध 100% शाकाहारी आइसक्रीम और अन्य खाद्य उत्पादों की पेशकश करता है। जिन पैक पर हलाल सर्टिफिकेशन है, वे उद्योग मानकों के मुताबिक, निर्यात बाजारों के लिए है।”
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मानकों के मुताबिक, मांसाहारी उत्पादों पर ब्राउन कलर का मार्क और शाकाहारी उत्पादों पर हरे रंग के मार्क का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।
हलाल सर्टिफिकेशन वास्तव में एक गारंटी है, जो यह बताता है कि संबंधित खाद्य पदार्थ इस्लामिक कानूनों के मुताबिक हैं और इसमें कोई मिलावट नहीं है।
लाइव मिंट की न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हलाल सर्टिफिकेशन के लिए कोई केंद्रीय संस्था नहीं है, बल्कि कई निजी कंपनियां यह काम करती है। इनमें से कुछ कंपनियों को भारतीय सरकार से मान्यता प्राप्त है, लेकिन अन्य के साथ ऐसा नहीं है। indiafilings.com की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, इस्लामी बाजारों में निर्यात के लिए कंपनियों को हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत होती है, जो यह सुनिश्चित करता है कि संबंधित उत्पाद या खाद्य पदार्थ इस्लामिक नियमों के मुताबिक हैं।
यानी यह सर्टिफिकेशन किसी उत्पाद के हलाल मानकों के मुताबिक होने का दावा करता है, न कि यह बताता है कि इसमें मांस की मौजूदगी है।
हलाल फाउंडेशन.ओआरजी के मुताबिक, हलाल एक अरबी का शब्द है, जिसका मतलब ‘वैध या स्वीकार्य’ है, जो खान-पान के तौर-तरीकों से संबंधित है। यह उन वस्तुओं के बारे में बताता है, जिन्हें खाने की अनुमति है।
वायरल पोस्ट को लेकर हमने वाडीलाल प्रॉडक्ट टीम से संपर्क किया। टीम में काम करने वाली असिस्टेंट प्रॉडक्ट मैनेजर ने बताया, “हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद की जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह भारतीय बाजारों के लिए नहीं है, बल्कि निर्यात के लिए हैं। कई मुस्लिम देशों में निर्यात के लिए यह सर्टिफिकेशन अनिवार्य है।” उन्होंने कहा, “भारत में इस सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद की बिक्री नहीं होती है। यह स्पष्ट करना जरूरी है कि हलाल सर्टिफिकेशन या बगैर सर्टिफिकेशन वाले दोनों ही तरह के उत्पाद में मांस की मौजूदगी या किसी मांसाहारी फ्लेवर की मौजूदगी नहीं होती है। यह चुनिंदा निर्यात बाजारों में निर्यात के लिए जरूरी सर्टिफिकेशन है, जिसका शाकाहारी या मांसाहारी होने से कोई संबंध नहीं है।” उन्होंने हमें बताया, “वाडीलाल के सभी उत्पाद शुद्ध शाकाहारी उत्पाद हैं।”
वायरल पोस्ट को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब साढ़े छह हजार लोग फॉलो करते हैं। अन्य ब्रांड्स से संबंधित फेक वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के ब्रांड सेफ्टी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है। इससे पहले अमूल को लेकर सोशल मीडिया पर फेक दावा वायरल हुआ था, जिसकी रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: हलाल सर्टिफिकेशन वाले वाडीलाल की आइसक्रीम में गोमांस का फ्लेवर मिलाए जाने का दावा फेक और दुष्प्रचार है। हलाल सर्टिफिकेशन कुछ चुनिंदा इस्लामी देशों में निर्यात के लिए जरूरी सर्टिफिकेशन या प्रमाणन है, जिसका किसी उत्पाद में मांस होने या न होने से कोई संबंध नहीं है।
- Claim Review : वाडीलाल की आइसक्रीम में गोमांस का इस्तेमाल।
- Claimed By : FB User-रामेश्वर लाल जाट
- Fact Check : झूठ
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