Fact Check: टिकट वितरण की नाराजगी के बाद चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ हुए प्रदर्शन का वीडियो पीएम मोदी के समर्थन से जोड़कर वायरल
करीब दो महीने पहले टिकट वितरण से नाराज होकर टीडीपी कार्यकर्ताओं ने चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उस समय के वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Jun 7, 2024 at 02:26 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार बनाने जा रही है। इस दौरान सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें लोगों को तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि चंद्रबाबू नायडू के पीएम मोदी को समर्थन दिए जाने के विरोध में यह प्रदर्शन हुआ है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का यह वीडियो लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले का है। दरअसल, टिकट बंटवारे को लेकर टीडीपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। उस वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया है।
फेसबुक यूजर Ajit Yadav (आकाईव लिंक) ने 6 जून को वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,
“भाजपा द्वारा किए गए तिरस्कार के बावजूद मोदी को समर्थन देने पर चंद्रबाबू नायडू का आंध्रप्रदेश में विरोध होना शुरू हो गया है।
चप्पलो से सुताई ..
नहीं चाहिए भाजपा“
एक्स यूजर @Virus_Studioz (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल दावे की जांच के लिए हमने एक्स यूजर की पोस्ट को ध्यान से देखा। वीडियो के साथ में गैर हिंदी भाषा में कुछ लिखा हुआ है। इसे गूगल ट्रांसलेटर की मदद से चेक किया। इस पर लिखा है, गुंतकल क्षेत्र में टीडीपी कार्यकर्ताओं ने चंद्रबाबू नायडू की तस्वीर में आग लगा दी। कार्यकर्ता टिकट क्षेत्र के शख्स को नहीं देने से नाराज थे।
वीडियो से कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च करने पर हमें द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर 30 मार्च को छपी खबर मिली। इसमें वीडियो के एक कीफ्रेम का इस्तेमाल किया गया है। तस्वीर के कैप्शन में लिखा है, टीडीपी कार्यकर्ताओं ने गुंतकल में गुम्मनुर जयराम को पार्टी टिकट देने से नाराज होकर प्रचार सामग्री को आग लगा दी।
खबर में लिखा है कि टीडीपी ने विधानसभा और लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की चौथी और अंतिम सूची का एलान कर दिया है। इसके बाद पार्टी में असंतोष फैल गया है। कार्यकर्ताओं ने टिकट बंटवारे से नाराज होकर अनंतपुर और गुंतकल विधानसभा क्षेत्रों में फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और प्रचार सामग्री को जला दिया। दग्गुबाती वेंकटेश्वर प्रसाद को अनंतपुर शहरी सीट से टिकट देने से नाराज होकर पूर्व विधायक वी प्रभाकर चौधरी के समर्थकों ने टीडीपी कार्यालय में घुसकर पार्टी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू और महासचिव लोकेश की तस्वीरों सहित फर्नीचर को क्षतिग्रस्त कर दिया और उन्हें आग लगा दी। गुंतकल में भी गुस्साए समर्थकों ने टीडीपी कार्यालय में घुसकर फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया।
एनटीवी तेलुगु के यूट्यूब चैनल पर 30 मार्च 2024 को अपलोड वीडियो न्यूज में वायरल वीडियो के हिस्से को देखा जा सकता है।
भारतीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, लोकसभा चुनाव की मतगणना 4 जून को की गई थी।
इससे साफ होता है कि वायरल वीडियो लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले का है, बाद का नहीं।
इस बारे में आंध्र प्रदेश के स्थानीय पत्रकार श्री हर्ष का कहना है कि वायरल वीडियो चुनाव नतीजे घोषित होने से पहले का है। टिकट बंटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा 240 सीट पाकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। टीडीपी को इस चुनाव में 16 सीटें मिली हैं।
5 जून को एन चंद्रबाबू नायडू ने एक्स हैंडल से एनडीए बैठक की कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि दिल्ली में हुई बैठक में एनडीए घटक दलों के सभी सदस्यों ने नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना है।
वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। ग्रेटर नोएडा में रहने वाले यूजर एक राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: करीब दो महीने पहले टिकट वितरण से नाराज होकर टीडीपी कार्यकर्ताओं ने चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उस समय के वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
- Claim Review : चंद्रबाबू नायडू के पीएम मोदी को समर्थन दिए जाने के विरोध में यह प्रदर्शन हुआ है।
- Claimed By : FB User- Ajit Yadav
- Fact Check : भ्रामक
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