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Fact Check : नोएडा के विकास के नाम पर वायरल रील में इस्तेमाल किया गया दुबई का वीडियो

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल रील की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। रील का दूसरा हिस्‍सा, नोएडा का नहीं, बल्कि दुबई का है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर एक रील शेयर की जा रही है। इसे दो वीडियो को मिलाकर बनाया गया है। पहले वीडियो के ऊपर वर्ष 2015 और दूसरे वीडियो के ऊपर 2024 लिखा गया है। दावा किया जा रहा है कि 2015 से लेकर 2024 तक में नोएडा में यह बदलाव आया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल रील की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। रील का दूसरा हिस्‍सा, नोएडा का नहीं, बल्कि दुबई का है। वहीं, पहला हिस्‍सा ग्रेटर नोएडा की एक क्रॉसिंग का है।

क्‍या हो रहा है वायरल

इंस्‍टाग्राम हैंडल smartcity_noida ने 3 मई को एक रील को पोस्‍ट करते हुए लिखा, “Noida m kya aur badalna chahiye??”

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। वायरल पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत में जब रील पर आए कमेंट को पढ़ना शुरू किया, तो पता चला कि इसमें दुबई के वीडियो का भी इस्‍तेमाल किया गया। कई यूजर्स ने रील को फेक बताते हुए लिखा कि दुबई के वीडियो का इस्‍तेमाल नोएडा के विकास के लिए किया गया है।

इसी के आधार पर विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल रील की पड़ताल को दो हिस्‍सों में किया। सबसे पहले 2015 के वीडियो के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की । वीडियो में दिख रही लोकेशन गौतमबुद्धनगर जिले की है, यह तो कन्‍फर्म था। लेकिन सही लोकेशन जानने के लिए हमने गूगल अर्थ का इस्‍तेमाल किया। इसमें गौतमबुद्धनगर जिले को सर्च किया । हमें वायरल वीडियो के पहले हिस्‍से से मिलती-जुलती लोकेशन ग्रेटर नोएडा में मिली। यह ग्रेटर नोएडा की इटेडा क्रॉसिंग का वीडियो है।

नीचे दिए गए कोलाज में यदि देखा जाए तो क्रॉसिंग की डिजाइन, आसपास की सड़क और मोड एक से ही नजर आए। इसके अलावा क्रॉसिंग के आगे बाएं साइड वाली बिल्डिंग वायरल वीडियो और गूगल अर्थ, दोनों में नजर आ रही है।

अब बारी थी वायरल रील के दूसरे हिस्‍से यानी 2024 वाले वीडियो की जांच करने की। रील पर आए कमेंट के क्‍लू के आधार पर हमने दुबई में ऐसी सड़क के बारे में खोजना शुरू किया, जो रील में दिखाई दे रही थी। इसके लिए हमने सबसे पहले स्निपिंग टूल की मदद से दूसरे हिस्‍से के वीडियो का एक स्‍क्रीनशॉट निकाला। फिर इसे गूगल लेंस के जरिए सर्च करना शुरू किया। हमें journyfly01 नाम के एक इस्‍टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो मिला। वीडियो के शुरुआती हिस्‍से में वायरल रील वाले वीडियो को देखा जा सकता है। इससे यह साबित हो गया कि नोएडा के नाम पर दुबई का वीडियो वायरल किया जा रहा है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर से गूगल अर्थ का इस्‍तेमाल किया गया। वीडियो का दूसरे पार्ट से मिलता-जुलता स्‍थान हमें दुबई में मिला। नीचे कोलाज में इसे देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में दैनिक जागरण, नोएडा के प्रभारी लोकेश चौहान से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल पोस्‍ट भ्रामक है। इसमें इस्‍तेमाल किया गया दूसरा हिस्‍सा नोएडा का नहीं है।

पड़ताल के अंत में वायरल रील को शेयर करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि इंस्‍टाग्राम यूजर स्‍मार्ट सिटी नोएडा को 1.28 लाख लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में नोएडा के विकास के नाम पर वायरल रील भ्रामक साबित हुई। इसमें दुबई के एक वीडियो का इस्‍तेमाल करते हुए भ्रम फैलाने की कोशिश की गई।

  • Claim Review : नोएडा का वीडियो
  • Claimed By : Instagram user smartcity_noida
  • Fact Check : भ्रामक
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