Fact Check: एक अप्रैल 2024 से इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव का दावा भ्रामक, नहीं लागू हो रही कोई नई व्यवस्था
यह दावा भ्रामक है कि एक अप्रैल 2024 से देश में नई इनकम टैक्स व्यवस्था प्रभावी हो गई है। नई कर व्यवस्था को फाइनेंस एक्ट 2023 के जरिए पेश किया गया था और यह नई व्यवस्था वित्त वर्ष 23-24 से डिफॉल्ट ऑप्शन है, जिसका असेसमेंट ईयर 2024-25 है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Apr 2, 2024 at 04:21 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत के साथ सोशल मीडिया पर इनकम टैक्स नियम को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक अप्रैल 2024 से नया नियम प्रभावी हो गया है और इस व्यवस्था में नई टैक्स व्यवस्था (न्यू टैक्स रिजीम) “डिफॉल्ट ऑप्शन” होगा।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। करदाताओं (कंपनियों और फर्म्स के अलावा) नई टैक्स व्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 से ही डिफॉल्ट विकल्प के रूप में प्रभावी है, जिसके लिए आकलन वर्ष (AY) 2024-25 है। साथ ही टैक्स भरते समय कोई भी करदाता अपनी सुविधा के मुताबिक, नई और पुरानी कर व्यवस्था में से किसी एक का चयन कर सकता है। यह कहना गलत है कि एक अप्रैल 2024 से कोई नई व्यवस्था लागू हो रही है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘UPSC Community’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “New Tax Rules Will Come Into Effect Across India From April 1, 2024.”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
टैक्स से संबंधित नियमों में किसी भी बदलाव की जानकारी वित्त मंत्रालय की तरफ से अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल की तरफ से दी जाती है। पोस्ट में किए गए दावे की जांच के लिए हमने वित्त मंत्रालय के आधिकारिक हैंडल को चेक किया। वित्त मंत्रालय ने इस वायरल दावे को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है।
इसमें कहा गया है कि नई टैक्स व्यवस्था को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है और उसे देखते हुए यह स्पष्ट किया जाता है कि एक अप्रैल 2024 से कोई नया बदलाव प्रभावी नहीं हो रहा है।
31 मार्च 2024 को वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में भी इसे लेकर स्पष्टीकरण जारी किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, “यह स्पष्ट किया जाता है कि धारा 115BAC (1A) के तहत नई कर व्यवस्था को फाइनेंस एक्ट 2023 में लागू किया गया था।” गौरतलब है कि नई कर व्यवस्था में डिडक्शंस की सुविधा का लाभ नहीं दिया गया है।
मंत्रालय ने बताया है कि करदाताओं (कंपनियों और फर्म्स के अलावा) के लिए नई कर व्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 से डिफॉल्ट ऑप्शन होगा और इसके लिए आकलन वर्ष (AY) 2024-25 होगा।
नई कर व्यवस्था बेशक डिफॉल्ट ऑप्शन होगा लेकिन करदाता अपनी सुविधा के मुताबिक, नई और पुरानी कर व्यवस्था दोनों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं।
वायरल दावे को लेकर हमने टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट एवं अपना पैसा के चीफ एडिटर बलवंत जैन से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “नई कर व्यवस्था को फाइनेंस एक्ट 2023 के जरिए पेश किया गया था और यह वित्त वर्ष 2023-24 से डिफॉल्ट ऑप्शन होगा, जिसका असेसमेंट ईयर 2024-25 होगा।”
कई न्यूज रिपोर्ट्स में भी वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी इस स्पष्टीकरण का जिक्र है। बिजनस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, “कर व्यवस्था में एक अप्रैल 2024 से कोई बदलाव नहीं हो रहा है। नई कर व्यवस्था को धारा 115 BAC (1A) के तहत पेश किया गया था।”
नई और पुरानी कर व्यवस्था के बीच के अंतर को निम्न चार्ट में देखा जा सकता है।
वायरल पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से सूचनाओं को लगातार साझा किया जाता है।
निष्कर्ष: यह दावा भ्रामक है कि एक अप्रैल 2024 से देश में नई इनकम टैक्स व्यवस्था प्रभावी हो गई है। नई कर व्यवस्था को फाइनेंस एक्ट 2023 के जरिए पेश किया गया था और यह नई व्यवस्था वित्त वर्ष 23-24 से डिफॉल्ट ऑप्शन है, जिसका असेसमेंट ईयर 2024-25 है।
- Claim Review : एक अप्रैल 2024 से नया टैक्स नियम लागू।
- Claimed By : FB User-UPSC Community
- Fact Check : भ्रामक
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