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Fact Check: कोलकाता का राजभवन, ईडन गार्डेंस और फोर्ट विलियम नहीं हैं वक्फ बोर्ड की संपत्तियां, वायरल दावा गलत

कोलकाता के राजभवन, ईडन गार्डेंस और फोर्ट विलियम वक्फ बोर्ड की संपत्तियां नहीं हैं। राजभवन के रखरखाव का जिम्मा राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग के राजभवन विंग के पास है। वहीं, ईडन गार्डेंस और फोर्ट विलियम रक्षा मंत्रालय की संपत्तियां हैं। बंगाल क्रिकेट बोर्ड ने ईडन गार्डेंस को लीज पर लिया हुआ है।

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नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कोलकाता का राजभवन, ईडन गार्डेंस और फोर्ट विलियम से जोड़कर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि  ये तीनों तीनों वक्फ बोर्ड की संपत्तियां हैं। इनका किराया प्रदेश सरकार देती है। इस पोस्ट को कुछ यूजर्स सांप्रदायिक रंग देते हुए पश्चिम बंगाल की सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में वायरल दावे को गलत पाया। दरअसल, कोलकाता राजभवन राज्यपाल का सरकारी निवास स्थान है। उसकी देखरेख राज्य सरकार के हाथ में है, जबकि कोलकाता का ईडन गार्डेंस और फोर्ट विलियम रक्षा मंत्रालय की संपत्ति है। हालांकि, क्रिकेट एसोसिएशन आफ बंगाल (CAB) ने इसे लीज पर लिया हुआ है। ये तीनों वक्फ बोर्ड की संपत्तियां नहीं हैं।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर ‘सीए बृज कुमार नायक‘ (आर्काइव लिंक) ने 3 अक्टूबर को लिखा,

“पश्चिम बंगाल के तीन सुप्रसिद्ध स्थान :

राजभवन कोलकता

ईडन गार्डन कोलकता

फोर्ट विलियम कोलकता

ये तीनों वक़्फ़ बोर्ड की संपत्तियां हैं । प्रदेश सरकार इनका किराया देती है । सोचो कैसे वोट के लिए, इस्लामिक गुलामी में फंसा रहे हैं सेकुलर नेता । कांग्रेस का गुप्त एजेण्डा यही है – हिन्दू और सनातन धर्म का विनाश । दुखद है जब हिन्दू कांग्रेस या सेकुलर दलों का स्वार्थ में समर्थन करता है । मूर्ख हैं वो युवा जो मंहगाई, पेट्रोल, डीजल, प्याज पर रोते हैं । असली एजेण्डा नहीं समझते । कभी कोई मुसलमान रोजगार महंगाई पेट्रोल डीजल प्याज पर नहीं रोता । उनका पहला लक्ष्य धार्मिक है । 99% उसी पार्टी को वोट देते हैं, जो हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद को हराए ।”

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फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने भी इस पोस्ट को शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने राजभवन कोलकाता, ईडन गार्डेंस और फोर्ट विलियम के बारे में अलग-अलग सर्च किया। सबसे पहले हमने कीवर्ड से राजभवन कोलकाता के बारे में सर्च किया। राजभवन कोलकाता की वेबसाइट पर इसका इतिहास दिया गया है। इसके मुताबिक, “1799-1803 के दौरान जब मार्क्विस वेलेस्ले (Marquis Wellesley) गवर्नर जनरल थे, तब इस इमारत को डर्बीशायर के केडलस्टन हॉल की तर्ज पर डिजाइन किया गया था। 1912 में राजधानी दिल्ली में स्थानांतरित होने तक इस  तीन मंजिला इमारत में 23 गवर्नर-जनरल और उनके बाद वायसराय रह चुके थे। अंतिम ब्रिटिश शासक सर फ्रेडरिक बरोज के जाने और 1947 में पहले भारतीय गवर्नर सी. राजगोपालाचारी द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद भी गवर्नमेंट हाउस ने इस परंपरा को कायम रखा। राजभवन का कुल क्षेत्रफल 27 एकड़ है। आवासीय कमरे दूसरी मंजिल के चारों कोनों में हैं, जबकि मुख्य सुइट – प्रिंस ऑफ वेल्स सुइट पहली मंजिल पर है। ग्राउंड फ्लोर के सेंटर क्षेत्र को मार्बल हॉल कहा जाता है। दूसरी मंजिल पर गवर्नर के अपार्टमेंट हैं। इसके रखरखाव का जिम्मा राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग के राजभवन विंग के पास है।” मतलब यह वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है।  

इसके बाद हमने ईडन गार्डेंस के बारे में गूगल पर सर्च किया। टेलीग्राफ आफ इंडिया की वेबसाइट पर 1 जनवरी 2016 को छपी एक रिपोर्ट में लिखा है, “ईडन का नाम एक व्यक्ति के नाम पर रखा गया है, जैसे लंदन में ‘लॉर्ड्स’ का नाम है। ईडन लॉर्ड ऑकलैंड का पारिवारिक नाम है। देश आजाद होने के बाद ईडन गार्डेंस की संपत्ति भारत सरकार को ट्रांसफर कर दी गई। रक्षा मंत्रालय ने इसका कार्यभार अपने हाथ में ले लिया। रक्षा मंत्रालय इसका असली संरक्षक है।”

डायरेक्टर जनरल डिफेंस एस्टेट की वेबसाइट पर भी इस बारे में जानकारी दी गई है। इसमें 27 अगस्त 2011 को छपी रिपोर्ट में लिखा है, “ईडन गार्डेंस भारत के कोलकाता (जिसे पहले कलकत्ता कहा जाता था) में एक क्रिकेट मैदान है। यह रक्षा मंत्रालय की भूमि पर है। यह बंगाल क्रिकेट टीम और इंडियन प्रीमियर लीग के कोलकाता नाइट राइडर्स का घर है। साथ ही यह एक टेस्ट और एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैदान भी है। बैठने की क्षमता के हिसाब से यह भारत का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है।”

पश्चिम बंगाल के डिपार्टमेंट आफ यूथ सर्विसेज और स्पोर्ट्स (स्पोर्ट्स विंग) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, “कैब ने 1987 में रक्षा मंत्रालय से 5 साल के लिए ईडन गार्डेंस की लीज प्राप्त की थी। रक्षा मंत्रालय के साथ लीज समझौते को 1992 में और फिर 1997 में रिन्यू किया गया।” इसका मतलब यह है कि बंगाल क्रिकेट बोर्ड ने इस ग्राउंड को लीज पर लिया हुआ है। यह संपत्ति रक्षा मंत्रालय की है।

राजभवन कोलकाता और ईडन गार्डेंस के बाद हमने फोर्ट विलियम के बारे में जांच की। भारत सरकार की इंडियन कल्चर वेबसाइट पर इसका इतिहास दिया गया है। इसके अनुसार, “फोर्ट विलियम कोलकाता में हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। यह इमारत अब भारतीय सेना की पूर्वी कमान के मुख्यालय के रूप में कार्य करती है। इसकी मूल संरचना 1696 ई. में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा हुगली नदी के तट पर बनाई गई थी। देश स्वतंत्र होने के बाद किले का नियंत्रण भारतीय सेना के हाथों में चला गया। किला परिसर को अब उन्नत किया गया है। इसमें गोल्फ कोर्स, बॉक्सिंग स्टेडियम, स्विमिंग पूल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, रेस्तरां, डाकघर और यहां तक कि एक मूवी थियेटर भी है। इसमें एक म्यूजियम भी है, जो मध्ययुगीन युग से लेकर वर्तमान तक के हथियारों और कवच की एक सीरीज प्रदर्शित करता है।”

इस बारे में हमने पश्चिम बंगाल में दैनिक जागरण के स्टेट हेड जेके बाजपेयी से बात की। उनका कहना है, “राजभवन में राज्यपाल का निवास स्थान है। वह सरकार के अधीन है। ईडन गार्डंस और फोटो विलियम भी वक्फ बोर्ड का संपत्तियां नहीं हैं।

वेस्ट बंगाल वक्फ बोर्ड की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, “वेस्ट बंगाल औकाफ बोर्ड वक्फ अधिनियम 1995 (1995 का केंद्रीय अधिनियम 43) के तहत पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एक वैधानिक निकाय है। वक्फ संपत्तियों के अलावा कई मस्जिदें, कब्रिस्तान आदि इस बोर्ड के साथ पंजीकृत हैं।”

पड़ताल के अंत में हमने गलत दावा करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर के 333 फॉलोअर्स हैं। वह एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

निष्कर्ष: कोलकाता के राजभवन, ईडन गार्डेंस और फोर्ट विलियम वक्फ बोर्ड की संपत्तियां नहीं हैं। राजभवन के रखरखाव का जिम्मा राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग के राजभवन विंग के पास है। वहीं, ईडन गार्डेंस और फोर्ट विलियम रक्षा मंत्रालय की संपत्तियां हैं। बंगाल क्रिकेट बोर्ड ने ईडन गार्डेंस को लीज पर लिया हुआ है।

  • Claim Review : कोलकाता का राजभवन, ईडन गार्डेंस और फोर्ट विलियम वक्फ बोर्ड की संपत्तियां हैं।
  • Claimed By : FB User- सीए बृज कुमार नायक
  • Fact Check : झूठ
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