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Fact Check : 2020 में तमिलनाडु के गांव में हुई घटना को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। यह घटना 2020 की है और गांव की 35 स्ट्रीट लाइट बंद रखी गयीं थी, पूरे गांव की लाइट बंद रखने का दावा गलत है।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Sep 4, 2023 at 04:48 PM
  • Updated: Sep 4, 2023 at 06:00 PM

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में तमिलनाडु के एक गांव  का बताकर  एक कहानी बताई जा रही है। इसमें कहा जा रहा है कि तमिलनाडु के एक गांव में एक चिड़िया के घोसले में रखे बच्चों को बचाने के लिए पूरे गांव ने 35 दिनों तक बिजली बंद रखी और बिना बिजली के रहे।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि दावा भ्रामक है। यह घटना 2020 की है, जब तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के पोथाकुडी गांव के स्ट्रीट लाइट बिजली बोर्ड नियंत्रण बॉक्स में मादा ओरिएंटल मैगपाई रॉबिन ने घोसला बनाया था और अंडे दिए थे। चूंकि स्ट्रीट लाइट स्विच चलाने से गर्मी बढ़ रही थी और अंडों  के ख़राब होने की आशंका थी, इसलिए गांव की जनता ने  स्वेच्छा से अपने गांव में 35 दिनों के लिए स्ट्रीट लाइट बंद कर दी थी। केवल उस नियंत्रण स्विच को बंद कर दिया गया था, जो गांव में 35 स्ट्रीट लाइटों को बिजली देता है। 35 दिनों के दौरान गांव में पूरी तरह से बिजली कटौती का दावा गलत है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘Old hindi song -प्यार के गीत एवम् तबला वादन’ पर 1 सितम्बर को एक चिड़िया के घोसले की तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया गया “तमिलनाडु के एक गाँव में काली चिड़िया ने गाँव के मुख्य स्विच बोर्ड के करीब घोंसला बनाकर 3 अंडे दिए… गांव वालों को डर था कि बिजली की गर्मी से ये अंडे फूट ना जाएं इसलिए गाँव वालों ने जब तक बच्चे अण्डों से बाहर ना निकले तब तक बिजली का उपयोग नहीं किया, और 35 दिन तक गाँव अँधेरे में डूबा रहा इंसानियत की ऐसी मिसाल को सलाम है।”

वीडियो को अभी का समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्ट की सत्‍यता जांचने के लिए सबसे पहले गूगल कीवर्ड सर्च का सहारा लिया। कीवर्ड्स से ढूंढ़ने पर हमें wionews.com पर जुलाई 2020 की एक खबर मिली। खबर के अनुसार, गांव के लोगों ने चिड़िया के घोसले में रखे अंडों  को बचने के लिए गांव की 35 स्ट्रीट लाइट बंद रखने का फैसला किया था, चूंकि  घोसला मेन स्विच के काफी पास था। पूरी खबर में कहीं भी पूरे गांव की बिजली बंद रखने की बात नहीं कही गयी थी।

 हमें इस मामले में खबरें newindianexpress.com और thehindu.com पर भी जुलाई 2020 में पब्लिश मिलीं। इन दोनों ही ख़बरों के अनुसार गांव की स्ट्रीट लाइट को बंद रखा गया था। इन ख़बरों में भी कहीं पूरे गांव की बिजली बंद रखने का ज़िक्र नहीं था।

इस मामले में ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने द हिन्दू के लिए इस खबर को लिखने वाली पत्रकार अकीला कन्नडासन से बात की। अकीला ने भी कन्फर्म किया कि 2020 की इस घटना में गांव की 35 स्ट्रीट लाइट बंद रखी गयीं थी, पूरे गांव की लाइट बंद रखने का दावा गलत है।  

पड़ताल के अंत में फेसबुक पेज ‘Old hindi song -प्यार के गीत एवम् तबला वादन’ के अकाउंट की जांच की गई। पेज के करीब 2 मिलियन फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। यह घटना 2020 की है और गांव की 35 स्ट्रीट लाइट बंद रखी गयीं थी, पूरे गांव की लाइट बंद रखने का दावा गलत है।

  • Claim Review : तमिलनाडु के एक गांव में एक चिड़िया के घोसले में रखे बच्चों को बचाने के लिए पूरे गांव ने 35 दिनों तक बिजली बंद रखी
  • Claimed By : FB page 'Old hindi song -प्यार के गीत एवम् तबला वादन'
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