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Fact Check : चंद्रयान-3 का बताकर नासा के पुराने वीडियो को किया गया वायरल

चंद्रयान-3 मिशन के नाम से वायरल वीडियो नासा द्वारा जारी किया गया वीडियो है। यह वीडियो नासा द्वारा 2020 में जारी किया गया था। यह अपोलो 13 मिशन 1970 के डेटा को संकलित करके बनाया गया है।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Aug 24, 2023 at 11:26 AM
  • Updated: Aug 24, 2023 at 11:32 AM

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। चंद्रयान-3 मिशन के दौरान लैंडर विक्रम ने 23 अगस्‍त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की। इस बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पृथ्‍वी को दूर से और चंद्रमा की सतह को करीबी से देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर कर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो चंद्रयान-3 मिशन के दौरान चांद के ऑर्बिट से लिया गया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर चंद्रयान-3 मिशन के नाम से वायरल वीडियो नासा द्वारा जारी किया गया वीडियो है। यह वीडियो नासा द्वारा 2020 में जारी किया गया था। यह अपोलो 13 मिशन 1970 के डेटा को संकलित करके बनाया गया है।  

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

सोनू गोल्‍डन भाई नाम के फेसबुक पेज ने वायरल वीडियो को 23 अगस्त को शेयर किया। इस वीडियो के ऊपर लिखा था, “Moon Inside View capture by Ch-3. 23 अगस्त को इतिहास रचेगा chandrayaan-3, सभी ईश्वर से प्रार्थना करें शुभकामनाएं दे।”

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ठीक से देखा। वीडियो में एक जगह स्क्रीन पर लिखा देखा जा सकता है, “Once Earth was finally back within sight. the astronauts were able to reestablish radio contact with Mission Control.” हमने इस कीफ्रेम का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल लेंस सर्च किया। हमने टेक्स्ट में जा के वाक्य को कॉपी किया और इसके बाद सोर्स सर्च किया।

हमें नासा की वेबसाइट के Scientific Visualization Studio सेक्शन पर 24 फरवरी 2020 को पब्लिश एक आर्टिकल मिला, जिसमें एक जगह यह वाक्य भी लिखा था। पेज के थंब इमेज में यही तस्वीर थी।

हमें यह वीडियो अलग-अलग हिस्सों में इस पेज पर मिला। यहाँ मौजूद जानकारी के अनुसार, यह वीडियो एक डेटा विज़ुअलाइज़ेशन पर आधारित है। इस विज़ुअलाइज़ेशन में 1970 के अपोलो 13 मिशन के दौरान कैप्चर किये गए मल्टीमीडिया डेटा का इस्तेमाल किया गया है और उसे टेक्नोलॉजी के माध्यम से बनाया गया है।

हमें यह वीडियो नासा के यूट्यूब पेज पर भी मिला। इसे 2 मार्च 2020 को अपलोड किया गया था। साथ में लिखा था, “यह वीडियो चंद्रमा के कुछ आश्चर्यजनक दृश्यों को फिर से बनाने के लिए लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान से एकत्र किए गए डेटा का उपयोग करके बनाया गया है। इन विजुअल को अपोलो 13 अंतरिक्ष यात्रियों ने 1970 में अपनी यात्रा के दौरान देखा था। ये दृश्य, 4K रिज़ॉल्यूशन में, चंद्रमा के कई अलग-अलग दृश्यों को दर्शाते हैं। यहाँ चंद्रमां की सतह, पृथ्वी के अस्त होने और सूर्योदय आदि को दर्शाया गया है। सभी दृश्यों की स्पीड बढ़ा दी गई है।’’

हमने इस विषय में इस वीडियो का डेटा विज़ुअलाइज़ेशन करने वाले अर्नेस्ट राइट से मेल के ज़रिये संपर्क साधा। उन्होंने जवाब में बताया, “फेसबुक पोस्ट का फुटेज वास्तव में एक कंप्यूटर सिमुलेशन है, जिसे मैंने 1970 में अपोलो 13 के चंद्रमा के पीछे से गुजरते समय के दृश्यों से बनाया था। यह लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर से डेटा और छवियों का उपयोग करके बनाया गया है।”

हमने इस विषय में वीडियो के एडिटर और प्रोड्यूसर डेविड लैड से भी बात की। उन्होंने बताया, “मैं पुष्टि कर सकता हूं कि मैं असली वीडियो का वीडियो प्रोड्यूसर और एडिटर था, और एर्नी राइट डेटा विज़ुअलाइज़र थे। आप जो चंद्र क्षेत्र के सुंदर दृश्य देख रहे हैं, वे नासा के लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान द्वारा एकत्र किए गए डेटा से बनाए गए हैं और यह दर्शाते हैं कि अपोलो 13 अंतरिक्ष यात्रियों ने 1970 में अपने मिशन पर क्या देखा था।”

चंद्रयान पर ताज़ा जानकारी इसरो की वेबसाइट और इसरो के सोशल मीडिया पर देख सकते हैं।

अंत में हमने गलत दावा करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। सोनू गोल्‍डन भाई नाम के यूजर के 200 से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं।  

निष्कर्ष: चंद्रयान-3 मिशन के नाम से वायरल वीडियो नासा द्वारा जारी किया गया वीडियो है। यह वीडियो नासा द्वारा 2020 में जारी किया गया था। यह अपोलो 13 मिशन 1970 के डेटा को संकलित करके बनाया गया है।

  • Claim Review : चंद्रायन 3 द्वारा चंद्रमा के अंदर का दृश्य कैप्चर किया गया
  • Claimed By : Facebook User Sonu golden bhai
  • Fact Check : झूठ
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