Fact Check: देश से भगाए जाने में मदद किए जाने के दावे के साथ नीरव मोदी के नाम पर वायरल बयान मनगढ़ंत और फेक
लंदन की अदालत में पीएनबी घोटाला मामले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जिसमें उसने कहा हो कि उन्हें भारत से बाहर निकलने में बीजेपी के नेताओं ने मदद की और इसके बदले में उन्होंने करीब 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का भुगतान किया।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Aug 14, 2023 at 07:19 PM
- Updated: Aug 14, 2023 at 07:24 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ने लंदन की एक अदालत में यह बयान दिया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने भारत से भागने में उनकी मदद की और इसके बदले में उन्होंने बीजेपी के नेताओं को कथित तौर पर 456 करोड़ रुपये की रिश्वत दी।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत और तथ्यहीन पाया। नीरव मोदी के नाम से यह वीडियो समय-समय पर सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा है। इससे पहले भी अलग-अलग चुनावी मौकों पर इस वीडियो को शेयर किया जाता रहा है। नीरव मोदी की तरफ से लंदन की अदालत में ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है।
क्या है वायरल?
विश्वास न्यूज की Whatsapp टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर्स ने इस वीडियो को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
यह पहली बार नहीं है, जब सोशल मीडिया पर यह दावा वायरल हुआ हो। इससे पहले भी यह दावा कई बार सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसकी जांच विश्वास न्यूज कर चुका है। वास्तव में लंदन की कोर्ट में नीरव मोदी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
नीरव मोदी से संबंधित हालिया सूचना 11 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट में मिली, जिसमें वेस्टमिंस्टर की अदालत में नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने की याचिका पर सुनवाई का जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में भगोड़े कारोबारी को गिरफ्तार किए जाने के बाद लंदन की हाई कोर्ट नीरव मोदी की अपील को सुनेगी, जो इस मामले में जारी न्यायिक प्रक्रिया का निर्णायक चरण होगा।
गौरतलब है कि फरवरी 2021 को वेस्टमिंस्टर की अदालत ने मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने की मंजूरी दी थी, लेकिन अपील की सुनवाई के दौरान नीरव मोदी की टीम ने कोर्ट को नए साक्ष्यों को स्वीकार करने के लिए मना लिया था।
नौ नवंबर की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, “ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने नीरव मोदी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें प्रत्यर्पण रोकने की अपील की गई थी।”
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को गिरफ्तार किए जाने के बाद कोर्ट में पेश किया गया और वहां उसने केवल अपने नाम, आयु और पते की पुष्टि की। साथ ही उसने खुद को प्रत्यर्पित किए जाने का विरोध किया। मोदी के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं ।
वायरल दावे को लेकर विश्वास न्यूज ने बिजनेस स्टैंडर्ड के डिप्टी न्यूज एडिटर नीलकमल सुंदरम से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि लंदन की अदालत में नीरव मोदी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, “करीब 10,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाला मामले में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी और उसके अन्य संबंधी मुख्य आरोपी हैं। नीरव मोदी और उसके संबंधी घोटाले के भंडाफोड़ से पहले 2018 की शुरुआत में भारत छोड़कर भाग गए थे। गौरतलब है कि पीएनबी घोटाले को भारतीय बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है।”
निष्कर्ष: लंदन की अदालत में पीएनबी घोटाला मामले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जिसमें उसने कहा हो कि उन्हें भारत से बाहर निकलने में बीजेपी के नेताओं ने मदद की और इसके बदले में उन्होंने करीब 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का भुगतान किया।
- Claim Review : नीरव मोदी ने लंदन की कोर्ट में किया खुलासा, बीजेपी नेताओं ने की देश छोड़ने में मदद।
- Claimed By : Tipline User
- Fact Check : झूठ
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