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Fact Check: मणिपुर के भाजपा नेता और उनके बेटे की तस्‍वीर को वायरल वीडियो वाले आरोपियों का बताकर किया जा रहा शेयर

मणिपुर भाजपा नेता और उनके बेटे की तस्‍वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। पुलिस ने फर्जी पोस्‍ट करने पर केस भी दर्ज किया है।

Manipur Viral Video News

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। मणिपुर में भीड़ द्वारा महिलाओं के उत्पीड़न का वीभत्‍स वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर कई पोस्‍ट शेयर की जा रही हैं। इनमें से एक पोस्‍ट में तस्‍वीर शेयर कर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि तस्‍वीर में दिख रहे शख्‍स वायरल वीडियो वाले मामले के आरोपी हैं। तस्‍वीर में दिख रहे दोनों शख्‍स आरएसएस की यूनिफॉर्म में हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्‍वीर मणिपुर घटना के आरोपियों की नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्‍वीर में मणिपुर भाजपा के उपाध्‍यक्ष चिदानंद सिंह और उनके बेटे हैं। इस मामले को मणिपुर पुलिस ने दुष्‍प्रचार की मंशा से जोड़ते हुए केस दर्ज किया है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

ट्विटर यूजर ‘हाशिम सलाम‘ (आर्काइव लिंक) ने 23 जुलाई को तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए लिखा,

वे मणिपुर के आरोपी हैं। आप उन्हें उनके कपड़ों से आसानी से पहचान सकते हैं, कोई भ्रम नहीं।

पड़ताल

तस्‍वीर की जांच के लिए हमने सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज की मदद से इसको सर्च किया। पूर्व सांसद एवं माकपा पोलित ब्‍यूरो की सदस्‍य सुभाषिनी अली (आर्काइव लिंक) ने भी 23 जुलाई को इस तस्‍वीर को ट्वीट करते हुए इसे मणिपुर वायरल वीडियो मामले के आरोपियों का बताया था।

हालांकि, बाद में उन्‍होंने 23 जुलाई (आर्काइव लिंक) को माफी मांगी और कहा कि यह पोस्‍ट गलत है।

इसके बाद उन्‍होंने 24 जुलाई को फिर से ट्वीट (आर्काइव लिंक) करते हुए कहा, “मुझे बेहद खेद है कि मैंने उन 2 व्यक्तियों के बारे में एक गलत ट्वीट को रीट्वीट किया, जिनकी पहचान मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के आरोपी के रूप में की जा रही थी। मैं अनजाने में हुई किसी भी शर्मिंदगी के लिए बिना शर्त माफी मांगती हूं।”

तस्‍वीर के बारे में और सर्च करने पर हमें यह मणिपुर भाजपा के उपाध्‍यक्ष चिदानंद सिंह की फेसबुक प्रोफाइल पर मिली। इसे 17 अक्‍टूबर 2022 को अपलोड किया गया है। इसमें लिखा है कि तस्‍वीरें आरएसएस इंफाल जिला पथ संचलन की हैं। यह कार्यक्रम 16 अक्‍टूबर को हुआ था। इसमें वह, उनका बेटा और भतीजा शामिल हुए थे।

चिदानंद सिंह का ट्विटर हैंडल स्‍कैन करने पर पता चला कि उन्‍होंने 23 जुलाई को ट्वीट (आर्काइव लिंक) किया है, “शर्म करो-शर्म करो…मैं चिदानंद सिंह हूं। आप मेरी और मेरे बेटे की तस्वीर का उपयोग करके आरएसएस और मेरे परिवार की छवि खराब करने के अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सकते। मैं और मेरा परिवार कभी भी ऐसे जघन्य अपराध में शामिल नहीं हुए। कितना मूर्खतापूर्ण कार्य है।”

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। एबीपी लाइव की वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक, “मणिपुर पुलिस ने रविवार को आरएसएस के एक पदाधिकारी और उनके बेटे की तस्वीर वायरल करने पर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यूजर्स ने आरोप लगाया है कि वे 4 मई को दो महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में शामिल थे।”

मणिपुर पुलिस के ट्विटर हैंडल से भी 23 जुलाई को इस बारे में ट्वीट किया गया है। इसमें लिखा है, “23 जुलाई 2023 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन (सीसीपीएस) मणिपुर को एक राजनीतिक दल के एक पदाधिकारी से रिपोर्ट मिली कि उनकी और उनके बेटे की तस्वीर दो महिलाओं की परेड के वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट के साथ कोलाज करके वायरल की जा रही है। इसके साथ में दावा किया जा रहा है कि वे सीधे तौर पर उस मामले में शामिल थे। इस मामले में सीसीपीएस ने चोट पहुंचाने, उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और कानून-व्यवस्था का गंभीर उल्लंघन करने के इरादे से झूठी खबर फैलाने के लिए केस दर्ज किया है। दोषियों की पहचान कर गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।”

वायरल वीडियो वाले मामले में मणिपुर पुलिस ने 23 जुलाई को ही ट्वीट कर जानकारी दी है कि इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 4 मई को दो महिलाओं के उत्‍पीड़न वाले मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को 11 दिन का रिमांड लिया है। नाबालिग को जुवेनाइल बोर्ड के सामने प्रस्‍तुत किया गया था। राज्‍य पुलिस बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।  

इस मामले में अधिक जानकारी के लिए हमने वायरल तस्‍वीर में नजर आ रहे मणिपुर भाजपा उपाध्‍यक्ष चिदानंद सिंह से ही संपर्क किया। उनका कहना है, “यह फोटो मेरी और मेरे बेटे की है। इस मामले में मैंने पुलिस को शिकायत भी दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।” उन्‍होंने शिकायत और एफआईआर की कॉपी भी हमारे साथ शेयर की।

पुलिस को दी गई शिकायत की कॉपी।
एफआईआर की कॉपी।

पड़ताल के अंत में हमने गलत दावे के साथ तस्वीर शेयर करने वाले ट्विटर यूजर की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। अगस्‍त 2022 से ट्विटर से जुड़ा यूजर एक खास विचारधारा से प्रभावित है।

इससे पहले भी मणिपुर हिंसा को लेकर एक पोस्‍ट वायरल हुई थी। इसमें दावा किया गया था कि मणिपुर वायरल वीडियो मामले में पुलिस ने मुख्‍य आरोपी को गिरफ्तार किया है और उसका नाम अब्दुल खान है। विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला था कि अब्‍दुल नाम का शख्‍स किसी और मामले में पकड़ा गया है। उसका वायरल वीडियो केस से कोई संबंध नहीं है।

निष्कर्ष: मणिपुर भाजपा नेता और उनके बेटे की तस्‍वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। पुलिस ने फर्जी पोस्‍ट करने पर केस भी दर्ज किया है।

  • Claim Review : तस्‍वीर में दिख रहे शख्‍स वायरल वीडियो वाले मामले के आरोपी हैं।
  • Claimed By : Twitter User- Hashim Salam
  • Fact Check : झूठ
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