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Fact Check : राष्ट्रपति ने पहलवानों के प्रदर्शन पर नहीं दिया कोई बयान, वायरल वीडियो एडिटेड

असली वीडियो में उन्होंने उन सामान्य पीड़ितों के बारे में बात की है, जिन्हें कोर्ट के आदेश आने के बाद भी न्याय नहीं मिल पाता है। अब इस वीडियो को एडिट कर पहलवानों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

  • By: Pragya Shukla
  • Published: Jun 6, 2023 at 06:13 PM
  • Updated: Jun 6, 2023 at 06:47 PM

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। पहलवानों के आंदोलन में हर दिन एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है। कभी आंदोलन खत्म होने की खबरें सामने आती हैं, तो कभी पहलवानों के रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट जाने की। इसी बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने पहलवानों के आंदोलन को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के वीडियो को एडिट कर संदर्भ से हटाकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में उन्होंने उन सामान्य पीड़ितों के बारे में बात की है, जिन्हें कोर्ट के आदेश आने के बाद भी न्याय नहीं मिल पाता है। अब इस वीडियो को एडिट कर पहलवानों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

ट्विटर यूजर राजेश कुमार (मांडखेड़ी YNR ) ने 1 जून 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “पहलवानों के प्रदर्शन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बयान… “मुझे लगता है कि उन्हें सही मायने में न्याय मिलना चाहिए”। क्या मोदी सुन रहे हैं??”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया। हमें वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट नवभारत टाइम्स में 25 मई 2023 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि कई बार कोर्ट के फैसलों के बाद भी लोगों को न्याय नहीं मिलता। लोग एक-एक केस के लिए वर्षाे तक लड़ाई लड़ते हैं। समय, रुपये और रातों की नींद बर्बाद होती है। कुछ मामले हाईकोर्ट में फाइनल होते हैं। कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट में आखिरी फैसला होता है। जिनके पक्ष में फैसला आता है, वे खुश होते हैं। लेकिन पांच-दस साल बाद पता चलता है कि उन्हें न्याय मिला ही नहीं। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि लोगों को वास्तविक रूप से न्याय मिले। यह कैसे होगा, इसका रास्ता मुझे नहीं मालूम। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, कानून मंत्री, जज, वकील सब मिलकर इसका रास्ता निकालें।”

हमें रिपोर्ट में कहीं भी हमें पहलवानों का  जिक्र नहीं मिला। इंडिया डॉट कॉम सहित कई अन्य न्यूज वेबसाइट ने भी इस खबर को प्रकाशित किया है। किसी भी वेबसाइट पर  हमें पहलवानों के प्रदर्शन का जिक्र नहीं मिला। 

पड़ताल के दौरान हमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की स्पीच का पूरा वीडियो उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 24 मई 2023 को शेयर किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मु रांची में झारखंड हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का उद्घाटन-लोकार्पण करने के लिए पहुंची थी। वहीं पर उन्होंने न्याय को लेकर स्पीच दी थी। उन्होंने पीड़ित लोगों के बारे में बात की थी, जिन्हें कोर्ट के आदेश आने के बाद भी कई कारणों से या फिर फैसला ठीक से अमल न होने के कारण न्याय नहीं मिल पाता है। हमें इस वीडियो में भी पहलवानों का जिक्र कहीं पर नहीं मिला। 

अधिक जानकारी के लिए हमने इस कार्यक्रम को कवर करने वाले दैनिक जागरण रांची के रिपोर्टर मनोज कुमार सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “यह दावा गलत है। उन्होंने यह पहलवानों को लेकर नहीं कहा था। उन्होंने ये उन पीड़ितों को लेकर कहा था, जिन्हें न्याय नहीं मिल पाता है। साथ ही उन्होंने सीजेआई को नए नियम बनाने के लिए भी कहा था।”

जांच के अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के पेज को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को करीब 11 हजार लोग फॉलो करते हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर हरियाणा का रहने वाला है। यूजर दिसंबर 2020 से ट्विटर पर सक्रिय है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के वीडियो को एडिट कर संदर्भ से हटाकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में उन्होंने उन सामान्य पीड़ितों के बारे में बात की है, जिन्हें कोर्ट के आदेश आने के बाद भी न्याय नहीं मिल पाता है। अब इस वीडियो को एडिट कर पहलवानों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

  • Claim Review : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया पहलवानों का समर्थन।
  • Claimed By : ट्विटर यूजर राजेश कुमार
  • Fact Check : झूठ
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