Fact Check: मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली RIL के 42 हजार करोड़ रुपये के टैक्स भुगतान का दावा भ्रामक
हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के इनकम टैक्स दिए जाने का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। वित्त वर्ष 22 में जहां रिलायंस ने 16,297 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान किया, वहीं वित्त वर्ष 23 में कंपनी ने 20,713 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान किया।
- By: Abhishek Parashar
- Published: May 4, 2023 at 06:10 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया यूजर्स पोस्ट कर यह दावा कर रहे हैं कि मुकेश अंबानी ने टैक्स के तौर पर 42 हजार करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम का भुगतान किया है।
यह सही है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज देश में सर्वाधिक टैक्स का भुगतान करने वाला कॉरपोरेट समूह है, लेकिन वायरल पोस्ट में जिस टैक्स की रकम का जिक्र है, वह बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया आंकड़ा है। वित्त वर्ष 22 में 16,297 करोड़ रुपये का टैक्स देकर सर्वाधिक टैक्स देने वाले कॉरपोरेट्स की सूची में रिलायंस सबसे ऊपर है। दूसरे नंबर पर भारतीय स्टेट बैंक है, जिसने वित्त वर्ष 22 में 13,382 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान किया है। वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है कि रिलायंस ने 42 हजार करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान किया है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘Choudhary Praveen Ruhil Hindu ‘ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए दावा किया है कि अंबानी ने 42 हजार करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान किया है।
ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस दावे को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
सभी पोस्ट में ‘अंबानी’ नाम का जिक्र है, जिससे अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी के बीच का भ्रम पैदा होता है। लेकिन टैक्स की जिस रकम का दावा पोस्ट में किया गया है, वह काफी बड़ी रकम है और न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर को छोड़कर अनिल अंबानी की सभी सूचीबद्ध कंपनियां दीवालिया घोषित कर चुकी हैं, इसलिए यह साफ है कि वायरल पोस्ट में मुकेश अंबानी का जिक्र किया गया है।
साथ ही हजारों करोड़ रुपये के टैक्स की रकम का भुगतान व्यक्ति नहीं, बल्कि आम तौर पर कंपनियां करती हैं, इसलिए इस फैक्ट चेक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के कर भुगतान के आंकड़ों की तफ्तीश की गई है।
कंपनियां या कॉरपोरेट समूह की तरफ से दिया गया टैक्स सार्वजनिक आंकड़ा है। स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियां हर तिमाही के आंकड़ों को सार्वजनिक करती हैं और जो कंपनियां गैर-सूचीबद्ध हैं, वह भी अपने आंकड़ों को सरकार को सौंपती है, जिसे मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
जांच की शुरुआत हमने की-वर्ड सर्च से की। सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें वित्त वर्ष 22 में सर्वाधिक टैक्स का भुगतान करने वाली कंपनियों का जिक्र है। 20 अक्टूबर 2022 की बिजनस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 22 में कुल 15 लिस्टेड या सूचीबद्ध कंपनियों ने न्यूनतम 5,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक के टैक्स का भुगतान किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 22 में 16,297 करोड़ रुपये के टैक्स भुगतान के साथ मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ऊपर है। वहीं, दूसरे नंबर पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) मौजूद है, जिसने वित्त वर्ष 22 में कुल 13,382 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान किया।
बिजनस टुडे की यह रिपोर्ट एसे इक्विटी के आंकड़ों पर आधारित है और आंकडे़ं वित्त वर्ष 22 के हैं, इसलिए विश्वास न्यूज ने इन आंकड़ों की दुबारा पुष्टि की।
21 अप्रैल 2023 को रिलायंस इंडस्ट्रीज की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में 31 मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष और तिमाही के वित्तीय नतीजों की जानकारी दी गई है।
विज्ञप्ति में दी गई जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 22 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का टैक्स खर्च 16,297 करोड़ रुपये रहा है। वहीं, वित्त वर्ष 23 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का टैक्स खर्च 20,713 करोड़ रुपये रहा है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की वेबसाइट पर मौजूद वित्तीय दस्तावेजों के आंकड़ों से भी इसकी पुष्टि होती है। वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 23 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने क्रमश: 16,297 करोड़ रुपये और 20,713 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान किया।
वायरल पोस्ट को लेकर हमने रिलायंस इंडस्ट्रीज की पीआर टीम से संपर्क किया है और उनकी तरफ से भी हमें वित्त वर्ष 23 के ही आंकड़ों को साझा किया गया।
कंपनी की सालाना रिपोर्ट में ‘टैक्स एक्सपेंस’ शब्द का जिक्र किया गया है। इसे लेकर हमने टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट एवं अपना पैसा के चीफ एडिटर बलवंत जैन से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि कंपनी के सालाना रिपोर्ट में ‘टैक्स एक्सपेंस’ का मतलब इनकम टैक्स ही है।
वायरल पोस्ट में अंबानी के 42 हजार करोड़ रुपये का टैक्स भुगतान किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत टैक्स भुगतान का आंकड़ा सार्वजनिक नहीं होता है। उपलब्ध कानूनी दस्तावेजों से इसकी पुष्टि होती है।
इंडिया कानून की वेबसाइट पर मौजूद ‘Girish Ramchandra Deshpande vs Cen.Information Commr.& Ors on 3 October, 2012’ मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, किसी व्यक्ति का इनकम टैक्स रिटर्न का आंकड़ा उसकी ‘निजी जानकारी’ होती है, जिसे (व्यापक जन सरोकार की स्थिति को छोड़कर) आरटीआई एक्ट की धारा 8(1) के तहत छूट हासिल है, यानी इस जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब पांच हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के इनकम टैक्स दिए जाने का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। वित्त वर्ष 22 में जहां रिलायंस ने 16,297 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान किया, वहीं वित्त वर्ष 23 में कंपनी ने 20,713 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान किया।
- Claim Review : मुकेश अंबानी ने किया 42 हजार करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान।
- Claimed By : FB User-Choudhary Praveen Ruhil Hindu
- Fact Check : झूठ
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