X
X

Fact Check : राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत के पोस्‍टर के साथ छेड़छाड़ करके जोड़ा गया अश्‍लील शब्‍द

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍टर की जांच की। यह एडिटेड साबित हुआ। पड़ताल में पता चला कि 24 अप्रैल से राजस्‍थान सरकार ने महंगाई राहत कैंप शुरू किया है। उसी से जुड़ी एक पोस्‍टर के साथ छेड़छाड़ करके अशोक गहलोत का मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। राजस्‍थान में विधानसभा चुनाव से पहले ही सोशल मीडिया पर नेताओं से जुड़ी फर्जी और भ्रामक पोस्‍टों के वायरल होने का सिलसिला चल पड़ा है। अब मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत की तस्‍वीर वाला एक पोस्‍टर वायरल हो रहा है। इसमें एक अश्‍लील शब्‍द का इस्‍तेमाल किया गया है। इसका जिक्र विश्‍वास न्‍यूज अपनी रिपोर्ट में नहीं कर सकता है। इस पोस्‍टर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍टर की जांच की। यह एडिटेड साबित हुआ। पड़ताल में पता चला कि 24 अप्रैल से राजस्‍थान सरकार ने महंगाई राहत कैंप शुरू किया है। उसी से जुड़ी एक पोस्‍टर के साथ छेड़छाड़ करके अशोक गहलोत का मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर जुबिन नौटियाल ने 19 अप्रैल को मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत की तस्‍वीर वाले एक पोस्‍टर की तस्‍वीर को शेयर करते हुए आपत्तिजनक लाइन लिखीं।

पोस्‍टर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍टर की सच्‍चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल का इस्‍तेमाल किया। इसके माध्‍यम से सर्च करने पर कांग्रेस के नेशनल कोऑर्डिनेटर नितिन अग्रवाल का एक ट्वीट मिला। इसे 19 अप्रैल को किया गया था। इसमें एक ट्वीट के रिप्‍लाई में असली तस्‍वीर को शेयर करते हुए वायरल पोस्‍टर को फर्जी बताते हुए राजस्‍थान पुलिस को भी टैग किया गया। पड़ताल के दौरान पता चला कि नितिन अग्रवाल के ट्वीट के आधार पर राजस्थान पुलिस ने जयपुर पुलिस को टैग कर मामले पर संज्ञान लेने के लिए भी कहा।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर और असली फोटो का तुलनात्‍मक अध्‍ययन किया। दोनों में काफी समानताएं देखी जा सकती हैं। अशोक गहलोत के कपड़े, हाथ जोड़ने की मुद्रा, पोस्‍टर के बाएं तरफ अशोक स्‍तंभ, लिखी गई 24 अप्रैल की तारीख के अलावा पोस्‍टर का बैकग्राउंड कलर दोनों में एक ही नजर आया।

जाचं को आगे बढ़ाते हुए ‘महंगाई राहत कैंप’ के बारे में जानकारी जुटाई गई। मुख्‍यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर 24 अप्रैल को ब्रॉडकास्‍ट हुआ एक वीडियो मिला। इसमें बताया गया कि देश के पहले ऐतिहासिक ‘महंगाई राहत कैंप’ का उद्घाटन समारोह, महापुरा (जयपुर) में हुआ।

गूगल ओपन सर्च के दौरान भी ‘महंगाई राहत कैंप’ से जुड़ी कई खबरें मिलीं। 24 अप्रैल को भास्‍कर डॉट कॉम पर पब्लिश एक खबर में बताया गया, “आमजन को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए सरकार के महंगाई राहत कैंप शिविर का आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उद्घाटन किया। जयपुर के सांगानेर तहसील के महापुरा में हुए इस कैंप में पुष्पा देवी प्रजापत को रसोई गैस सिलेंडर देकर पहला लाभार्थी बनाया गया। आज पूरे राज्य में 1799 जगहों पर इस तरह के कैंप लगाए गए हैं, जिनकी संख्या अगले कुछ दिनों में बढ़ाकर 2700 तक की जाएगी।” पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने कांग्रेस के नेशनल कोऑर्डिनेटर नितिन अग्रवाल से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि मुख्‍यमंत्री की छवि बिगाड़ने के लिए उनके पोस्‍टर पर अश्‍लील शब्‍द लिखकर वायरल किया गया। यह काफी आ‍पत्तिजनक है। इसे लेकर पुलिस को भी शिकायत की गई है।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर के बारे में जानकारी जुटाने की। फेसबुक यूजर जुबिन नौटियाल बिहार का रहने वाला है। इसके अकाउंट पर हमें वायरल और आपत्तिजनक कंटेंट काफी मिला।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत के पोस्‍टर की वायरल तस्‍वीर एडिटेड साबित हुई। उनके पोस्‍टर के साथ छेड़छाड़ करके अश्‍लील शब्‍द अलग से जोड़ा गया।

  • Claim Review : अशोक गहलोत का अश्‍लील पोस्‍टर
  • Claimed By : फेसबुक यूजर जुबिन नौटियाल
  • Fact Check : झूठ
झूठ
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later