Fact Check: इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानियों के नहीं, बल्कि ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए जान गंवाने वाले शहीदों के नाम है
इंडिया गेट पर साढ़े 13 हजार उन सैनिकों के नाम दर्ज हैं, जो ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए शहीद हो गए थे। इस पर 95300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम अंकित होने का दावा गलत है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Feb 3, 2023 at 04:36 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित इंडिया गेट को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इंडिया गेट पर कुल 95300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं। इनमें से 61395 मुसलमान, 8050 सिख, 14480 पिछड़े, 10777 दलित, 598 सवर्ण और 0 संघियों के नाम हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इंडिया गेट पर ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए जान गंवाने वाले शहीदों के नाम हैं। इनमें भारतीयों के साथ ही यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया के जवानों के नाम भी शामिल हैं। इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नहीं दर्ज है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर राजनंदन कुमार (आर्काइव लिंक) ने 29 जनवरी को पोस्ट किया,
जो लोग मुसलमान से देश भक्ति का सर्टिफिकेट मांगते हैं वो एक बार इंडिया गेट को देख ले
दिल्ली के इंडिया गेट पर कुल 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम है…
मुसलमान: 61395
सिख: 8050
पिछड़े: 14480
दलित: 10777
सवर्ण: 598
संघी: 00
:— और कुछ बेशर्म लोग मुसलमानों को गद्दार कहते हैं, जबकि खुद उनका इतिहास अंग्रेजों की मुखबिरी करते गुजरी है।
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले गूगल पर कीवर्ड से इंडिया गेट के बारे में ओपन सर्च किया। दिल्ली टूरिज्म की वेबसाइट पर लिखा है कि नई दिल्ली में 42 मीटर ऊंचा इंडिया गेट है। यह उन 70 हजार भारतीय सैनिकों को याद करता है, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी। स्मारक में 13,516 से अधिक ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों के नाम हैं, जो 1919 के अफगान युद्ध में शहीद हुए थे। इसकी आधारशिला 1921 में हिज रॉयल हाइनेस, ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी। इसे एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था। 10 साल बाद स्मारक को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था।
डीएम नई दिल्ली की वेबसाइट पर भी इस बारे में जानकारी दी गई है। इसके अनुसार, इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए जान गंवाने वाले 70 हजार जवानों की याद दिलाता है। इस पर 13,516 से ज्यादा ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों के नाम दर्ज हैं, जो अफगान युद्ध 1919 में शहीद हुए थे।
कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन की वेबसाइट पर भी शहीदों के नाम की सूची के साथ ही स्मारक की भी जानकारी दी गई है। इसमें लिखा है कि दिल्ली मेमोरियल अविभाजित भारत के सभी 70 हजार सैनिकों के लिए एक राष्ट्रीय स्मारक के रूप में है, जिनकी मृत्यु 1914-1921 के दौरान हुई थी। इनमें से अधिकांश भारत की सीमाओं से बाहर शहीद हुए थे। स्मारक पर करीब 13,300 राष्ट्रमंडल सैनिकों के नाम अंकित हैं। इनमें से अधिकांश उत्तर-पश्चिम सीमा पर या उससे बाहर और तीसरे अफगान युद्ध के दौरान लड़ते हुए शहीद हुए थे। लिस्ट में 13220 शहीदों के नाम हैं। इनकी डिटेल कुछ सेक्शन में लिखी गई है। इनमें नाम, रैंक, सर्विस नंबर, यूनिट, रेजीमेंट, कंट्री ऑफ सर्विस, शहीद होने की तारीख और जिस जगह पर नाम अंकित है, वहां की जानकारी है। मतलब इसमें कही भी धर्म और जाति की जानकारी नहीं है। सूची में यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया के जवानों के नाम भी शामिल हैं। कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन का उद्देश्य दो विश्व युद्धों में शहीद हुए पुरुषों और महिलाओं को सम्मानित करना था।
इंडिया गेट की तस्वीर ध्यान से देखने पर पता चला कि इस पर लिखा है,
To the dead of the Indian armies who fell and are honoured in France and Flanders Mesopotamia and Persia East Africa Gallipoli and elsewhere in the near and the far-east and in sacred memory also of those whose names are recorded and who fell in India or the north-west frontier and during the Third Afgan War.
(भारतीय सेना के शहीदों के लिए, जो फ्रांस और फ्लैंडर्स मेसोपोटामिया और पर्सिया पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली और अन्य जगहों पर शहीद हुए और उनकी पवित्र स्मृति में भी, जिनके नाम दर्ज हैं, जो भारत में या उत्तर-पश्चिमी सीमा और तीसरे अफगान युद्ध में शहीद हुए।)
हालांकि, इस पर भी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम का कोई जिक्र नहीं है।
इस बारे में हमने दिल्ली टूरिज्म कवर करने वाले दैनिक जागरण के संवाददाता वीके शुक्ला से बात की। उनका कहना है, ‘इंडिया गेट पर ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए जान गंवाने वाले जवानों के नाम दर्ज हैं। इसका स्वतंत्रता सेनानियों से कोई संबंध नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है।‘
इससे पहले भी इस तरह की पोस्ट वायरल हुई थी। तब विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी। उस रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
गलत पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर ‘राजनंदन कुमार‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह मधेपुरा बिहार के रहने वाले हैं और एक राजनीतिक दल से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: इंडिया गेट पर साढ़े 13 हजार उन सैनिकों के नाम दर्ज हैं, जो ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए शहीद हो गए थे। इस पर 95300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम अंकित होने का दावा गलत है।
- Claim Review : इंडिया गेट पर कुल 95300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं।
- Claimed By : FB User- Rajnandan Kumar
- Fact Check : झूठ
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