Fact Check: वृंदावन में 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला मंदिर सरकारी प्रोजेक्ट नहीं, वायरल दावा भ्रामक है
उत्तर प्रदेश के वृंदावन में 500 करोड़ रुपये की लागत से मंदिर बनाए जाने और सरकारी स्कूलों के बंद होने की तुलना भ्रामक है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Nov 8, 2022 at 02:43 PM
- Updated: Nov 8, 2022 at 03:47 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि जहां एक तरफ 500 करोड़ रुपये की लागत से वृंदावन में ‘सबसे बड़े’ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, वहीं 51,000 सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि स्कूलों को बंद करने से जो फंड मिलेगा, उसी से वृंदावन में 500 करोड़ रुपये के मंदिर का निर्माण किया जाएगा।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वृंदावन में बनने वाला वृंदावन चंद्रोदय मंदिर, इस्कॉन का प्रोजेक्ट है और इस मंदिर के निर्माण में सरकारी फंडिंग का इस्तेमाल नहीं हो रहा है, बल्कि यह श्रद्धालुओं के चंदे से वित्तपोषित प्रोजेक्ट है। इसलिए यह तुलना भ्रामक है कि सरकार स्कूलों को बंद कर उसके पैसों से वृंदावन में मंदिर का निर्माण करा रही है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘Aap Shakeel’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”वृंदावन मे बनेगा 500,करोड़ की लागत से सब से भव्य मंदिर ओर
51000 सरकारी स्कूल होंगे बंद
ऐसे बनेंगे हम विश्व गुरु।”
वहीं एक अन्य यूजर (आर्काइव लिंक) ने लिखा है, ”फण्ड की कमी के चलते U.P सरकार ने 2018 से लेकर 2020 तक 26074 सरकारी स्कूल बंद किए। (UDISE Report) इन स्कूलों के पैसों से वृंदावन में बनेगा 500 करोड़ का भव्य मंदिर।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अनगिनत यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
सभी पोस्ट्स को पढ़कर यह प्रतीत हो रहा है कि सरकारी स्कूलों को बंद कर सरकार उस पैसे का इस्तेमाल वृंदावन में बन रहे मंदिर निर्माण में कर रही है।
जांच की शुरुआत हमने सामान्य न्यूज सर्च से की। सर्च में कई पुरानी न्यूज रिपोर्ट्स मिली, जिसमें वृंदावन में करीब 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मंदिर का जिक्र है। हिंदुस्तान टाइम्स की 20 जुलाई 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, वृंदावन में बनने वाले चंद्रोदय मंदिर की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ज्यादा होगी और इसके निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर निर्माण में लगने वाली पूंजी दुनिया भर के कृष्ण के श्रद्धालुओं के दान से जुटाई जाएगी और इसका निर्माण इंटरनैशनल सोसाएटी फॉर कृष्णा कंसियसनेस (इस्कॉन) के जरिए किया जा रहा है। वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी और बाद में अक्टूबर 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने निर्माण स्थल का दौरा किया था। मंदिर का निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ और 2022 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।
कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र है और सभी में इस मंदिर के निर्माण पर करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक के निर्माण लागत की बात की गई है, जिसे दुनिया भर में फैले कृष्ण के श्रद्धालुओं के दान से जुटाने का जिक्र है।
किसी भी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं मिला कि इस मंदिर के निर्माण में सरकार की तरफ से फंड को मुहैया कराया जा रहा है। वृंदावन चंद्रोदय मंदिर की वेबसाइट पर भी इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
मंदिर की फंडिंग के स्रोतों के बारे में जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने इसकी वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया। दान के जरिए पूंजी जुटाए जाने के मामले में सहयोग करने वाले सहयोगी दुष्यंत ने विश्वास न्यूज को बताया, ‘वृंदावन चंद्रोदय मंदिर का निर्माण सरकारी प्रोजेक्ट नहीं है और न ही इसमें सरकार की कोई भूमिका है। मंदिर निर्माण में लगने वाली पूंजी दान के जरिए जुटाई जा रही है और इसमें दुनिया भर में फैले श्रद्धालु सहयोग कर रहे हैं।’
हमारी अब तक की पड़ताल से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश के वृंदावन में बन रहा वृंदावन चंद्रोदय मंदिर सरकारी प्रोजेक्ट नहीं है और इसके निर्माण में लगने वाला खर्च का प्रबंधन कृष्ण के श्रद्धालुओं के दान से जुटाई जाने वाली पूंजी की मदद से हो रहा है। जबकि वायरल पोस्ट में यह दावा किया गया है कि सरकार स्कूलों को बंद कर उससे बचने वाली पूंजी का इस्तेमाल मंदिर निर्माण में कर रही है।
वायरल पोस्ट में 51,000 सरकारी स्कूलों के बंद होने का जिक्र किया गया है। न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस बात का जिक्र है। द टेलीग्राफ की मई 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2018 से सितंबर 2019 के बीच देश में सरकारी स्कूलों की संख्या में 51,000 की गिरावट आई है, वहीं समान अवधि में निजी स्कूलों की संख्या में 3.6 फीसदी का इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2018-19 में सरकारी स्कूलों की संख्या 1,083,678 थी, जो 2019-20 में घटकर 1,032,570 हो गई। 2020-21 की रिपोर्ट के मुताबिक यह संख्या 10,32,049 है।
कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र है और सभी रिपोर्ट्स सरकारी आंकड़ों के आधार पर लिखी गई है। यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस डेटा के मुताबिक देश में सरकारी स्कूलों की संख्या में कमी आई है। जबकि प्राइवेट स्कूलों की संख्या बढ़ी है।
यूडीआईएसई, स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट की एक यूनिट है जो सालाना स्कूलों से संबंधित डेटा उपलब्ध कराती है। हालांकि, यूडीआईएसई की रिपोर्ट में स्कूलों की संख्या में आई गिरावट के पीछे के कारणों का जिक्र नहीं किया गया है।
यूडीआईएसई की वेबसाइट पर स्कूलों की संख्या और अन्य ट्रेंड्स से संबंधित पिछले कई सालों की रिपोर्ट को देखा जा सकता है।
वायरल पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर आठ हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के वृंदावन में 500 करोड़ रुपये की लागत से मंदिर बनाए जाने और सरकारी स्कूलों के बंद होने की तुलना भ्रामक है। वृंदावन का चंद्रोदय मंदिर का निर्माण सरकारी फंडिंग से नहीं बल्कि श्रद्धालुओं के दिए चंदे से हो रहा है। वहीं देश में स्कूलों की संख्या में सालाना आधार पर उतार-चढ़ाव होते रहता है। 2018-19 की यूडीआईएसई की रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 50 हजार से अधिक सरकारी स्कूल बंद हुए, लेकिन इस संख्या में आई गिरावट और वृंदावन में 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मंदिर के बीच में कोई संबंध नहीं है।
- Claim Review : वृंदावन मे बनेगा 500,करोड़ रुपये की लागत से सब से भव्य मंदिर और 51000 सरकारी स्कूल होंगे बंद।
- Claimed By : FB User-Aap Shakeel
- Fact Check : भ्रामक
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