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Fact Check: WHO ने नहीं बताई ये 7 ब्रेन डैमेजिंग हैबिट्स, वायरल पोस्ट फर्जी

डब्ल्यूएचओ ने वायरल पोस्ट में बताई जा रही 7 ब्रेन डैमेजिंग हैबिट्स की लिस्ट जारी नहीं की है। लिस्ट में मौजूद आदतों का ब्रेन डैमेज से सीधे-सीधे कोई संबंध नहीं है, लेकिन लंबे समय तक लापरवाही सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स को जन्म दे सकती है।

  • By: Devika Mehta
  • Published: Sep 22, 2022 at 03:07 PM
  • Updated: Sep 22, 2022 at 03:52 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसके जरिये दावा किया जा रहा है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने सात बड़ी ब्रेन डैमेजिंग हैबिट्स के बारे में बताया है। वायरल पोस्ट में डब्ल्यूएचओ का लोगो भी लगा हुआ है। यूज़र्स इसे सच मानकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है। वायरल पोस्ट का WHO से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Pijus Kanti Giri  ने 19 सितंबर को तस्वीर को शेयर किया है। वायरल तस्वीर में WHO की ओर से 7 बड़ी ब्रेन डैमेजिंग हैबिट्स बताई गई हैं। ‘इसमें ब्रेकफास्ट न करना, देर से सोना, ज्यादा मीठा खाना, सुबह के समय ज्यादा सोना, टीवी या कंप्यूटर देखते हुए खाना खाना, सोते समय कैप/स्कार्फ या सॉक्स पहन कर सोना व यूरिन रोकना शामिल है।’

पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले वायरल पोस्ट गौर से पढ़ा। इसमें हमें कई त्रुटियां नजर आईं। पोस्ट में कई जगह स्पेसिंग इश्यू है। वहीं, पोस्ट की आखिरी लाइन में ‘you’ की जगह “u” लिखा गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन इस फॉर्मेट में मैसेज जारी करे, ऐसा मुश्किल लगता है। जिससे हमें इसके फर्जी होने का संदेह हुआ।



हमने एक बार फिर से ‘7 ब्रेन डैमेजिंग हैबिट्स WHO’ कीवर्ड्स से इंटरनेट पर दावे की खोज की तो हमें पता चला कि यह दावा 2017 और 2020 में भी वायरल हो चुका है, जिसमें से कई पोस्ट WHO के लोगो के बिना भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने डब्ल्यूएचओ के सोशल मीडिया हैंडल्स को खंगाला। हमें यहां भी वायरल दावे से जुड़ी कोई पोस्ट प्राप्त नहीं हुई। आपको बता दें कि पहले भी यह पोस्ट समान दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, जिसकी जांच विश्वास न्यूज़ ने की थी। आप हमारी पहले की पड़ताल को यहां पढ़ सकते हो।

हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया की मीडिया को-ऑर्डिनेटर शमिला शर्मा के साथ वॉट्सऐप के जरिये सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा फर्जी है। ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है।

– ब्रेन स्ट्रोक से जुड़े वायरल दावे के बारे में जानकारी के लिए हमने एक्सपर्ट्स से संपर्क किया , जिन्होंने वायरल दावे को गलत बताया है।

हमने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की कोरोना नेशनल टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डा.राजीव जयदेवन से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “यह एक फर्जी संदेश है।” उन्होंने सभी दावों पर सटीक जानकारी भी दी:

1.ब्रेकफास्ट छोड़ना- आमतौर पर सबुह के नाश्ता को छोड़ना स्ट्रोक से कोई संबंध नहीं रखता। ऐसा करने से कुछ लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। सुबह भूखे रहने से काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मस्तिष्क शरीर के अन्य सभी अंगों की तुलना में अधिक ऊर्जा की खपत करता है।

2.शरीर के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए पर्याप्त नींद की आवश्यकता होती है। नींद की आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं, लेकिन नींद की कमी कई चिकित्सा समस्याओं को बढ़ा सकती है।

3.चीनी एक नए तरह का फैट है। चीनी कम मात्रा में हानिकारक नहीं है, पर अधिक मात्रा में चीनी खाने से कई समस्याएं होती हैं। जैसे – मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध, फैटी लिवर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग।

4.टेलीविजन, सोशल मीडिया या बातचीत करते हुए भोजन करने से हम अत्यधिक कैलोरी का सेवन करते हैं। इसके अलावा, ठीक तरह से भोजन ना करने से हड्डियों से जुड़ी या भोजन गले में फंसने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह शारीरिक स्थिति के आधार पर अचानक मृत्यु का कारण भी बन सकती है।

5.सोते समय टोपी या मोजे पहनना खतरनाक नहीं है, लेकिन एक दुपट्टा शायद कभी गलती से गर्दन पर उलझ कर घुटन का कारण बन सकता है।

राजीव गांधी कैंसर अस्पताल दिल्ली में पैलिएटिव केयर फिजिशियन डॉ. मिनी मेहता से भी वायरल दावे को लेकर सम्पर्क किया। उन्होंने बताया, “इसमें से कोई भी दावा सही नहीं है। ब्रेन स्ट्रोक हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, अधिक वजन, मधुमेह, शराब और दिमाग की नसों के ब्लॉक होने के कारण होता है।

डॉ. जैकब चाको, सीनियर कंसल्टेंट – सनराइज हॉस्पिटल कोच्चि में न्यूरोलॉजी हैं। उन्होंने बताया कि वायरल पोस्ट में मौजूद दावे झूठे हैं।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग की। फेसबुक पर यूजर की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

निष्कर्ष: डब्ल्यूएचओ ने वायरल पोस्ट में बताई जा रही 7 ब्रेन डैमेजिंग हैबिट्स की लिस्ट जारी नहीं की है। लिस्ट में मौजूद आदतों का ब्रेन डैमेज से सीधे-सीधे कोई संबंध नहीं है, लेकिन लंबे समय तक लापरवाही सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स को जन्म दे सकती है।

  • Claim Review : डब्ल्यूएचओ ने जारी की 7 ब्रेन डैमेजिंग हैबिट्स की सूची।
  • Claimed By : Fb User: Pijus Kanti Giri
  • Fact Check : झूठ
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