Fact Check : पश्चिम बंगाल में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर पोती कालिख की वायरल तस्वीर 2017 की है
- By: Rama Solanki
- Published: May 24, 2019 at 01:56 PM
- Updated: Aug 29, 2019 at 04:37 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है। यह तस्वीर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की है। फेसबुक पर वायरल हो रही इस फोटो के साथ लिखा गया है, “नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति पर TMC के गुंडों ने कालिख पोत दी.अब हद पार कर गयी ममता बनर्जी। ये बंगाल को बांग्लादेश बना देगी इस का इलाज करना जरूरी है।” यह घटना 2017 की है, अभी की नहीं| विश्वास न्यूज़ ने जाँच-पड़ताल के बाद इस दावे को गलत साबित किया |
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर रवींद्र सिंह शेखावत ने 16 मई को एक तस्वीर अपने फेसबुक अकाउंट पर अपलोड की जिसके टाइटल में उन्होंने लिखा- ” नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति पर TMC के गुंडों ने कालिख पोत दी.अब हद पार कर गयी ममता बनर्जी। ये बंगाल को बांग्लादेश बना देगी इस का इलाज करना जरूरी है। ” तस्वीर में क्या दिखाई दे रहा है इस तस्वीर में नेताजी सुभाषचंद्र की मूर्ति पर कालिख पुती हुई दिख रही है| तस्वीर के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सुभाषचंद्र के पोते के घर के सामने रखी मूर्ति पर कालिख पोती| यह तस्वीर सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल भी हो रही है और चर्चा में है |
पड़ताल
जांच की शुरुआत करते हुए सबसे पहले हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करना शुरू किया | सर्च करने पर हमे जागरण की खबर 16 अगस्त 2017 की खबर हाथ लगी, जिसमे इस घटना की जानकारी थी जिसका शीर्षक था ” नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर पोती कालिख” |
15 अगस्त 2017 को डेक्कन हेराल्ड द्वारा प्रकाशित खबर मिली |
खबर में लिखा गया है कि पश्चिम बंगाल में नेताजी की प्रतिमा को उपद्रवियों ने नुकसान पहुंचाया और कोयले से मूर्ति पर कालिख पोता | खबर के अनुसार नेताजी की प्रतिमा को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान पंचरा ग्राम पंचायत कार्यालय परिसर में स्थापित किया जाना था और उसमें पुलिस की प्रतिक्रिया भी मिली। पुलिस ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की सुबह जब पंचायत कार्यालय का गेट खोला गया तो पाया गया कि मूर्ति को कोयले की टार से चेहरे को नुकसान पहुंचाया गया था| मूर्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ खैरासोल पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई थी |इसमें दो लोगो को हिरासत में भी लिया गया था |
इसके बाद हमारे हाथ डेक्कन हेराल्ड की दूसरी खबर लगी | यह खबर 16 अगस्त 2017 को प्रकाशित हुयी थी | खबर के हिसाब से नेताजी के पोते सीके बोस ने ममता को दोषी ठहराया था और इस टीएमसी के गुंडों पर आरोप लगाया था| मूर्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ खैरासोल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी |
फिर उसके बाद हमें यू-ट्यूब पर इस दावें से जुडी खबर मिली | एक ‘एएनआई न्यूज़’ का वीडियो हिस्सा मिला जिसमे एएनआई न्यूज़’ द्वारा प्रसारित खबर में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बीडीओ कार्यालय में कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर काली स्याही फेंकी |
इसके अलावा NDTV की भी एक क्लिप मिली जिसमे यह खबर थी
साथ ही हमे इस खबर से जुड़ा एएनआई का एक ट्वीट मिला जो एएनआई ने 15 अगस्त 2017 को ट्वीट भी किया था |
क्या था पूरा मामला
पश्चिम बंगाल कोलकाता के बीरभूम जिले में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने और कालिख पोते जाने का मामला सामने आया। कुछ शरारती तत्वों ने यह करतूत की और मूर्ति पर तारकोल फेंक दिया। बीरभूम जिले में यह हादसा मंगलवार के दिन हुआ उस दिन 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस का अवसर था और मौके पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक प्रतिमा का अनावरण किया जाना था, लेकिन उसके पहले ही शरारती तत्वों ने प्रतिमा के साथ ये हरकत कर दी | यह जगह बीरभूम जिले के मुख्यालय शहर, सिउरी से लगभग 35 किलोमीटर दूर पंचरा गाँव में पंचायत कार्यालय मैदान में कल ही नेताजी की प्रतिमा लगाई गई थी।
इस मामले पर पंचायत प्रधान द्वारा गुस्साए ग्रामीणों ने खैरासोल पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अधीक्षक एन सुधीर कुमार का इस मसले पर वक्तव्य भी मिला जिसमें उन्होंने कहा , दोषियों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं। शिकयत के बाद मौके पर पुलिस का दस्ता भी पहुंचा और मामला दर्ज किया। पुलिस के मुताबिक, नेताजी की प्रतिमा का पंचरा ग्राम पंचायत कार्यालय परिसर में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान अनावरण किया जाना था।
पुलिस ने बताया कि सुबह जब पंचायत कार्यालय का गेट खोला गया तब पता लगा कि प्रतिमा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दी गई है। नेताजी की प्रतिमा पर स्याही लगी हुई थी और प्रतिमा के चेहरे को नुकसान पहुंचाया गया था। फोटो की रिवर्स सर्चिंग में हमें यह भी पता चला कि यह अभी का नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई 15 अगस्त 2017 की घटना की तस्वीर है। 14 अगस्त को किसी शख्स ने बीरभूम के बीडीओ ऑफिस में स्थापित की गई इस प्रतिमा पर स्याही फेंक दी। कई मीडिया संस्थानों ने यह खबर चलाई भी थी, लेकिन किसी ने भी इसमें किसी राजनीतिक पार्टी के शामिल होने की बात नहीं लिखी थी।
हमें सीके बोस से हवाले से एक टिप्पणी भी मिली जिसमें लिखा था, “उनका बीरभूम जिले में कोई घर नहीं है। वे कोलकाता में पैदा हुए और वहीं रहते हैं। उन्होंने टीएमसी की शिकायत की थी लेकिन यह कन्फर्म नहीं था कि टीएमसी इसमें शामिल है या नहीं। “
अब बारी थी जिस शख्स ने यह खबर वायरल की उसके अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की। हमने stalkscan टूल की मदद से रविंद्र सिंह शेखावत के अकाउंट को खंगालना शुरू किया, यह अकाउंट 13 अक्टूबर 2016 में बना और इसके 141,066 लाइक हैं और 141,680 लोग फॉलोअर है |
निष्कर्ष : विश्वास टीम की जांच में यह साफ़ हो गया कि यह दावा बिलकुल गलत है और यह घटना अबकी नहीं बल्कि 2017 की है जिसको सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है |
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- Claimed By : Ravinder singh Shekhawat
- Fact Check : झूठ