Fact Check: बैंक नोटों से गांधी की तस्वीर हटाए जाने का दावा गलत और मनगढ़ंत, चलते रहेंगे गांधी सीरीज के नोट
भारतीय करेंसी के नोटों पर महात्मा गांधी के अलावा रवींद्रनाथ टैगोर या एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महापुरुषों की तस्वीरों का उपयोग किए जाने संबंधी दावा पूरी तरह से गलत और अफवाह है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jun 8, 2022 at 03:02 PM
- Updated: Jun 8, 2022 at 04:28 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक ग्राफिक्स के हवाले से दावा किया जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक भारतीय नोटों की नई श्रृंखला पर महात्मा गांधी के साथ रवींद्रनाथ टैगोर और एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीरों का इस्तेमाल किए जाने पर विचार कर रहा है।
हमने अपनी जांच में पाया कि यह दावा पूरी तरह से गलत और विशुद्ध अफवाह है। आरबीआई किसी भी ऐसे प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है, जिसके तहत नोटों पर महात्मा गांधी की जगह टैगोर या कलाम की तस्वीर का इस्तेमाल किया जाना है।
क्या है वायरल?
फेसबुक यूजर ‘Sach Tak News Bihar’ ने वायरल ग्राफिक्स (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिस पर लिखा हुआ है- ”सूत्रों के मुताबिक, आरबीआई भारतीय नोटों की नई श्रृंखला पर महात्मा गांधी के साथ रवींद्रनाथ टैगोर और एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीरों का उपयोग करने पर विचार कर रहा है।”
कई अनगिनत यूजर्स ने इस दावे को सच मानते हुए ग्राफिक्स को समान दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
आरबीआई की वेबसाइट पर अर्थव्यवस्था में प्रचलित सभी नोटों की सीरीज और उनकी संबंधित विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई है। आरबीआई एक्ट के सेक्शन 25 के मुताबिक, नोटों की डिजाइन, उसका स्वरूप और उसकी सामग्री (छपने वाली तस्वीरें आदि) को लेकर कोई भी फैसला सेंट्रल बोर्ड की अनुशंसा के बाद केंद्र सरकार की तरफ से लिया जाता है। हालांकि, इस बारे में आरबीआई की वेबसाइट पर ऐसी कोई सूचना नहीं मिली, जिसमें इस बात की जानकारी दी गई हो कि भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की जगह अन्य महापुरुषों की तस्वीरों का इस्तेमाल किए जाने का जिक्र हो।
सर्च में आरबीआई की वेबसाइट पर 6 जून 2022 को जारी प्रेस विज्ञप्ति मिली, जिसमें स्पष्ट रूप से इस दावे का खंडन किया गया है। आरबीआई की तरफ से कहा गया है, ‘मीडिया के कुछ धड़ों में ऐसी रिपोर्ट चलाई जा रही है कि रिजर्व बैंक मौजूदा करेंसी नोटों को बदले जाने और बैंक नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर की जगह अन्य लोगों की तस्वीर को लगाए जाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। यह नोट किया जाना चाहिए कि आरबीआई में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।’
नोटों की नई श्रृंखला पर रवींद्रनाथ टैगोर या कलाम की तस्वीरों का इस्तेमाल किए जाने संबंधी प्रस्ताव पर विचार किए जाने के दावों का खंडन करते हुए आरबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘आरबीआई के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।’
आरबीआई की वेबसाइट पर उन सभी सीरीज के नोटों के बारे में जानकारी दी गई है, जो स्वतंत्रता के बाद से अभी तक जारी की गई है। पहली सीरीज अशोक स्तंभ वाले नोटों की थी और इसके बाद 1996 में महात्मा गांधी सीरीज के नोटों को लॉन्च किया गया है, जिसमें 5, 10, 20, 50, 100, 500 और 1000 रुपये के नोट शामिल थे।
इसके बाद 2005 में भी महात्मा गांधी सीरीज के नोट ही जारी किए गए। हालांकि, नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद महात्मा गांधी सीरीज के तहत 500 रुपये और 2000 रुपये के नोटों की सीरीज को जारी किया गया और साथ ही 2016 सीरीज के नोट सांस्कृतिक विरासत और वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में भी बताते हैं।
आरबीआई की वेबसाइट पर ‘नो योर बैंक नोट्स’ सेक्शन में मौजूदा सीरीज के नोटों के बारे में विस्तृत जानकारी को देखा जा सकता है।
इससे पहले भी नई सीरीज के बैंक नोटों को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह की अफवाहें साझा की जाती रही हैं, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: भारतीय करेंसी के नोटों पर महात्मा गांधी के अलावा रवींद्रनाथ टैगोर या एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महापुरुषों की तस्वीरों का उपयोग किए जाने संबंधी दावा पूरी तरह से गलत और अफवाह है। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट कर दिया है कि मौजूद भारतीय करेंसी में कोई बदलाव नहीं होने वाला है।
- Claim Review : आरबीआई भारतीय नोटों की नई श्रृंखला पर महात्मा गांधी के साथ रवींद्रनाथ टैगोर और एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीरों का उपयोग करने पर विचार कर रहा है।
- Claimed By : FB User-Sach Tak News Bihar
- Fact Check : झूठ
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