Fact Check: देहरादून के पुराने वीडियो को दिल्ली के शहर काजी का बताकर किया जा रहा भ्रामक दावा
जून 2019 के देहरादून के वीडियो को दिल्ली के शहर काजी का बताकर वायरल किया जा रहा है। वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम मुफ्ती रईस अहमद है और वह देहरादून के रहने वाले हैं। साथ ही इस वीडियो का दिल्ली में हुई हिंसा से भी कोई संबंध नहीं है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Apr 20, 2022 at 06:05 PM
- Updated: Apr 21, 2022 at 12:49 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दिल्ली में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर 2.03 मिनट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक मुस्लिम शख्स किसी घटना को भगवा साजिश बताते हुए हिंदुओं को धमकी दे रहा है। यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि वीडियो में बोल रहा शख्स दिल्ली का शहर काजी है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो जून 2019 का है। इसका दिल्ली में हुई हिंसा में कोई संबंध नहीं है। वीडियो में दिख रहा शख्स दिल्ली का शहर काजी नहीं, बल्कि देहरादून निवासी मुफ्ती रईस है।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक पेज ‘राष्ट्रदेव’ पर 19 अप्रैल को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा गया,
हम हिंदुओं का जीना मुश्किल कर देंगें : दिल्ली शहर काजी
ट्विटर यूजर Kajal Hindustani (आर्काइव) ने भी इस वीडियो को पोस्ट करते हुए मिलता-जुलता दावा किया।
पड़ताल
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इसे सर्च किया। इसमें हमें Sudarshan News के यूट्यूब चैनल पर इसकी वीडियो न्यूज मिली। 3 जुलाई 2019 को इसको अपलोड किया गया है। इसमें वायरल वीडियो की क्लिप का भी इस्तेमाल किया गया है। वीडियो में इस शख्स को देहरादून का मुफ्ती रईस बताया गया है।
कुछ अन्य कीवर्ड से सर्च करने पर हमें Muslim Sewa sangathan Dehradun यूट्यूब चैनल पर भी यह वीडियो मिला। इसको 4 जुलाई 2019 को अपलोड किया गया है। इसका टाइटल है, Mufti Raees Bayan Muslim seva Sangathan। डिस्क्रिप्शन में लिखा है, Tabrez Ansari ko Insaaf dilane ki liye muslim seva sangathan ki Rally (तबरेज अंसारी को इंसाफ दिलाने के लिए मुस्लिम सेवा संगठन की रैली।)
27 जून 2019 को jagran में छपी खबर के अनुसार, झारखंड में एक मुस्लिम की हत्या के विरोध में देहरादून में मुस्लिम सेवा संगठन ने रैली निकाली। शहर काजी मो. अहमद कासमी के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया गया। इसमें मुफ्ती रईस भी मौजूद थे। खबर में वीडियो में दिख रहे शख्स की फोटो भी देखी जा सकती है।
1 जुलाई 2019 को timesofindia में छपी खबर के मुताबिक, जमीयत उलेमा—ए—हिंद के जिला अध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद पर आपत्तिजनक बयान देने के मामले में केस दर्ज किया गया है। तबरेज अंसारी की हत्या के विरोध में किए गए प्रदर्शन के दौरान उन्होंने यह आपत्तिजनक बयान दिया था।
देहरादून के दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर सोबन सिंह गुसांईं का कहना है, वायरल वीडियो 2019 का देहरादून का है। विरोध प्रदर्शन के दौरान यह आपत्तिजनक बयान दिया था। इसके बाद पुलिस ने केस भी दर्ज किया था।
पहले भी यह वीडियो इसी तरह के दावे के साथ वायरल हो चुका है। विश्वास न्यूज ने तब भी इसकी पड़ताल की थी। पूरी रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक पेज ‘राष्ट्रदेव’ को हमने स्कैन किया। 29 अप्रैल 2016 को बने इस पेज को 3 लाख 89 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: जून 2019 के देहरादून के वीडियो को दिल्ली के शहर काजी का बताकर वायरल किया जा रहा है। वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम मुफ्ती रईस अहमद है और वह देहरादून के रहने वाले हैं। साथ ही इस वीडियो का दिल्ली में हुई हिंसा से भी कोई संबंध नहीं है।
- Claim Review : हम हिंदुओं का जीना मुश्किल कर देंगे: दिल्ली शहर काजी
- Claimed By : FB Page- राष्ट्रदेव
- Fact Check : भ्रामक
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