X
X

Fact Check: डेढ़ साल पहले झारखंड में हुई घटना के वीडियो को उत्तर प्रदेश का बताकर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि यह दावा गलत है। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। वीडियो साल 2020 में झारखंड के साहिबगंज जिले में हुई एक घटना का है।

  • By: Pragya Shukla
  • Published: Mar 28, 2022 at 01:58 PM
  • Updated: Mar 29, 2022 at 12:27 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने महिला के साथ बदसलूकी की है। वीडियो में एक शख्स को महिला के साथ बेरहमी से मारपीट करते हुए देखा जा सकता है, जबकि पीछे दो पुलिसकर्मी खड़े होकर इस हिंसक घटना को देख रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि यह दावा गलत है। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। वीडियो साल 2020 में झारखंड के साहिबगंज जिले में हुई एक घटना का है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Shalini Singh Patel ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “नारी सम्मान को बुलन्द करता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुलिस प्रशासन….! मौजूदा भाजपा सरकार में ऐसे प्रकरण प्रतिदिन आम हो गए हैं।”

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने इनविड टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल की मदद से हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट News18 Bihar Jharkhand के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 27 जुलाई 2020 को अपलोड मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, यह वीडियो झारखंड के साहिबगंज जिले में हुई एक घटना की है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें दैनिक जागरण पर 28 जुलाई 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के साहिबगंज जिले के बरहेट थाना प्रभारी हरीश पाठक ने एक महिला को थाने में बुलाकर उसके साथ मारपीट की थी। वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा था कि यह सरासर अनुचित और शर्मनाक कृत्य है, जो बर्दाश्त के काबिल नहीं है। सीएम हेमंत सोरेन ने डीजीपी एमवी राव को दोषी थाना प्रभारी हरीश पाठक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिए थे। इसके छह मिनट बाद ही राव ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।

अधिक जानकारी के लिए हमने इस घटना को कवर करने वाले दैनिक जागरण के साहिबगंज के जिला प्रभारी डा. प्रणेश कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। घटना साहिबगंज जिले की है, वीडियो सामने आने के बाद थाना प्रभारी हरीश पाठक पर कड़ी कार्रवाई हुई थी। उन्हें तुरंत ही निलंबित कर दिया गया था। हरिश पाठक ने बरहेट संताली की युवती राखी कुमारी को थाने में बुलाकर उनके साथ मारपीट की थी। एसपी अनुरंजन क्रिस्पोट्टा ने इसकी जांच का जिम्मा बरहड़वा के एसडीपीओ पीके मिश्रा को सौंपा था।

पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर Shalini Singh Patel की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर के पांच हजार मित्र हैं। यूजर उत्तर प्रदेश के बांदा शहर का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि यह दावा गलत है। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। वीडियो साल 2020 में झारखंड के साहिबगंज जिले में हुई एक घटना का है।

  • Claim Review : नारी सम्मान को बुलन्द करता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुलिस प्रशासन....! मौजूदा भाजपा सरकार में ऐसे प्रकरण प्रतिदिन आम हो गए हैं!
  • Claimed By : Shalini Singh Patel
  • Fact Check : भ्रामक
भ्रामक
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later