Fact Check: नमाज पढ़ने के दावे के साथ वायरल हो रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तस्वीर फेक है
नमाज पढ़ने के दावे के साथ वायरल हो रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तस्वीर फेक है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से एडिट कर तैयार किया गया है। ऑरिजिनल तस्वीर उनकी मध्य एशियाई देशों की आधिकारिक यात्रा से संबंधित है, जिसे एडिट कर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Mar 22, 2022 at 02:30 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ नजर आ रहे हैं। तस्वीर में उन्हें नमाज की मुद्रा में दोनों हाथों को जोड़ते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम मौलवियों के साथ नमाज अदा किया।
विश्वास न्यूज की जांच में यह तस्वीर फर्जी निकली, जिसे दुष्प्रचार की मंशा के साथ एडिट कर वायरल किया जा रहा है। वायरल हो रही तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी के सेंट्रल एशियाई देशों की यात्रा से संबंधित है, जब उन्होंने 11 जुलाई 2015 को तुर्कमेनिस्तान के पहले राष्ट्रपति की समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उनकी इसी पुरानी तस्वीर को एडिट कर गलत दावे के साथ दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल?
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर वॉट्सऐप यूजर फैसल कुरैशी ने वायरल तस्वीर को भेजकर इसकी सच्चाई बताए जाने का अनुरोध किया है।
यह तस्वीर पहले भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। फेसबुक यूजर ‘Sunil Kumar Yadav’ ने इस तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”मोदी जी नमाज अदा करते हुए भक्तों का नाक कटा दिया😆😆।”
पड़ताल
वायरल हो रही तस्वीर को गौर से देखने पर इसमें की गई एडिटिंग को देखा जा सकता है। ओरिजिनल तस्वीर को ढूंढने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें कई पुरानी न्यूज रिपोर्ट्स मिली, जिसमें ओरिजिनल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। इकोनॉमिक टाइम्स की वेबसाइट पर 12 जुलाई 2015 को प्रकाशित रिपोर्ट में ओरिजिनल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य एशियाई देशों की आधिकारिक यात्रा से संबंधित है, जब उन्होंने 11 जुलाई, 2015 को तुर्कमेनिस्तान के पहले राष्ट्रपति की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी। इस तस्वीर में उनके अगल-बगल में खड़े मौलवियों को दुआ पढ़ते हुए देखा जा सकता है। नीचे दर्शाए गए कोलाज में दोनों तस्वीरों के बीच के अंतर को साफ-साफ देखा जा सकता है।
वायरल तस्वीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक रंजन सिंह से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार की कोशिश है और ऐसी कई तस्वीरें समय-समय पर वायरल होती रहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार को लेकर सोशल मीडिया पर समय-समय पर वायरल हुए दावे की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: नमाज पढ़ने के दावे के साथ वायरल हो रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तस्वीर फेक है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से एडिट कर तैयार किया गया है। ओरिजिनल तस्वीर उनकी मध्य एशियाई देशों की आधिकारिक यात्रा से संबंधित है, जिसे एडिट कर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
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