Fact Check: खारकीव में लगे रूसी झंडे की 2014 की यह तस्वीर को हालिया जंग का बताते हुए किया जा रहा है वायरल
विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर की जांच की, तो हमने पाया कि इसका हालिया गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है। ये फोटो साल 2014 की है, जिसे मौजूदा हालात से जोड़कर वायरल किया गया है।
- By: Umam Noor
- Published: Mar 11, 2022 at 02:01 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बाद से कई तरह की भ्रामक तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक शख्स बिल्डिंग की खिड़की पर रूसी झंडा लगते हुए नज़र आ रहा है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इस फोटो को रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से जोड़कर शेयर कर रहे हैं और यह दावा कर रहे हैं कि रूस ने खारकीव की स्थानीय संसद में अपना झंडा फहराया है। जब विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर की जांच की, तो हमने पाया कि इसका हालिया गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है। ये फोटो साल 2014 की है, जिसे मौजूदा हालात से जोड़कर वायरल किया गया है।
वायरल पोस्ट में क्या है?
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “कीव के बाद दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में स्थानीय संसद पर रूसी झंडा लहराते हुए।”
पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
अपनी पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये तस्वीर को सर्च किया। सर्च में हमें यह तस्वीर 1 मार्च 2014 को रॉयटर्स की वेबसाइट पर अपलोड की हुई मिली। दी गई मालूमात के मुताबिक, ‘1 मार्च 2014 को, केंद्रीय खारकीवव में यूक्रेन की नई सरकार के समर्थकों के साथ संघर्ष के बाद रूसी समर्थक प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्रीय सरकारी भवन पर रूसी झंडा फहराया।”
न्यूज़ सर्च किये जाने के बाद, हमें 1 मार्च 2014 को एनबीसी न्यूज की वेबसाइट पर प्रकाशित आर्टिकल मिला। रिपोर्ट के अनुसार, रूसी समर्थक कार्यकर्ता शनिवार को यूक्रेन के खारकीव में एक क्षेत्रीय सरकारी इमारत पर धावा बोलने पर कीव की नई समर्थक पश्चिमी सरकार के समर्थकों के साथ भिड़ गए। लोग घायल हो गए, प्रदर्शनकारियों ने इमारत पर धावा बोलने की कोशिश की। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।
अब तक की पड़ताल से यह तो साफ था कि यह वायरल फोटो 2014 में ली गई है। हालांकि, विश्वास न्यूज ने पुष्टि के लिए ईमेल के जरिए यूक्रेन की फैक्ट-चेकिंग टीम से संपर्क किया है। वहां से जवाब मिलते ही खबर को अपडेट किया जाएगा।
भ्रामक तस्वीर को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैन में पाया गया कि यूजर को एक लाख से ज़्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर की जांच की, तो हमने पाया कि इसका हालिया गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है। ये फोटो साल 2014 की है, जिसे मौजूदा हालात से जोड़कर वायरल किया गया है।
- Claim Review : कीव के बाद दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में स्थानीय संसद पर रूसी झंडा लहराते हुए।
- Claimed By : وحدة الدراسات العسكرية والأمنية - للمجموعه 73 مؤرخين
- Fact Check : भ्रामक
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