Fact Check: बनारस में ईवीएम मामले में चुनाव आयोग द्वारा डीएम व कमिश्नर को हटाने का गलत मैसेज वायरल
बनारस में राजनीतिक दलों को ईवीएम मूवमेंट की जानकारी दिए बिना मशीनों को ट्रांसपोर्ट करने पर एडीएम सप्लाई नलिनीकांत सिंह को सस्पेंड किया गया है। जिन ईवीएम को ले जाया जा रहा था, वे सभी ट्रेनिंग के लिए ले जाई जा रही थीं। इस मामले में चुनाव आयोग द्वारा कमिश्नर और डीएम को हटाए जाने की पोस्ट गलत है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Mar 10, 2022 at 03:00 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों का परिणाम घोषित होने से पहले सोशल मीडिया पर बनारस ईवीएम मामले में कार्रवाई को लेकर एक पोस्ट काफी वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि बनारस मामले में चुनाव आयोग ने डीएम और कमिश्नर को हटा दिया है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। दरअसल, वाराणसी में बिना मूवमेंट प्लान जारी किए ईवीएम हटाए जाने के मामले में चुनाव आयोग ने एडीएम सप्लाई नलिनी कांत सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर Mahesh Singh ने 9 मार्च 2022 को पोस्ट किया,
ब्रेकिंग न्यूज़…
बनारस पर श्री अखिलेश यादव सही साबित हुए
चुनाव आयोग ने डीएम,कमिश्नर को हटाया
ट्विटर यूजर @artiyadav_im (आर्काइव) ने भी इस दावे को ट्वीट किया।
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इसे सर्च किया। इसमें हमें वाराणसी में ईवीएम मामले में चुनाव आयोग द्वारा डीएम और कमिश्नर पर कार्रवाई की कोई खबर नहीं मिली। हां, इस मामले में वाराणसी के एडीएम सप्लाई पर एक्शन की खबर जरूर मिली। 9 मार्च को jagran में छपी खबर के मुताबिक, मंगलवार की शाम को वाराणसी के काउंटिंग सेंटर के गोदाम से एक गाड़ी में ईवीएम यूपी कॉलेज के लिए भेजी जा रही थीं। ये सभी ईवीएम ट्रेनिंग के लिए थी। वहां निगरानी कर रहे सपा कार्यकर्ताओं ने गाड़ी को रोककर धांधली का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया था। बाद में जांच में यह पता चला था कि ये ईवीएम डेमो के लिए थीं। इनको काउंटिंग की ट्रेनिंग देने के लिए भेजा जा रहा था। यह जांच ऑब्जर्वर और आरओ की निगरानी में हुई। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने माना था कि इस मूवमेंट की जानकारी राजनीतिक दलों को दी जानी चाहिए थी। इस मामले में चुनाव आयोग ने प्रभारी अधिकारी ईवीएम एवं एडीएम सप्लाई नलिनी कांत सिंह को निलंबित कर दिया है।
amarujala में छपी खबर के अनुसार, वाराणसी में ईवीएम पर हुए बवाल के बाद चुनाव आयोग ने एडीएम सप्लाई नलिनी कांत सिंह को सस्पेंड कर दिया है। उन पर ईवीएम के रखरखाव और ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी थी। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मंगलवार रात को स्वीकार किया था कि ईवीएम को भेजे जाने की जानकारी शेयर नहीं करने की चूक हुई है। मामला गरमाने के बाद जिला प्रशासन से निर्वाचन आयोग ने रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट मिलने के बाद चुनाव आयोग ने नलिनी कांत सिंह को सस्पेंड करने को कहा था।
ANI के ट्वीट के अनुसार, चुनाव आयोग ने प्रोटोकॉल फॉलो नहीं करने पर वाराणसी के एडीएम को सस्पेंड किया है।
इस बारे में वाराणसी में दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ प्रमोद यादव का कहना है, चुनाव आयोग द्वारा कमिश्नर और डीएम को हटाए जाने की बात गलत है। ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
इससे पहले वाराणसी में गाड़ी में ईवीएम मिलने पर सपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने हंगामा करते धांधली का आरोप लगाया था। इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई भ्रामक दावे किए गए थे। इस बारे में विश्वास न्यूज ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
गलत पोस्ट करने वाले फेसबुक Mahesh Singh की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। वह एक राजनीतिक दल की विचारधारा से प्रेरित है।
निष्कर्ष: बनारस में राजनीतिक दलों को ईवीएम मूवमेंट की जानकारी दिए बिना मशीनों को ट्रांसपोर्ट करने पर एडीएम सप्लाई नलिनीकांत सिंह को सस्पेंड किया गया है। जिन ईवीएम को ले जाया जा रहा था, वे सभी ट्रेनिंग के लिए ले जाई जा रही थीं। इस मामले में चुनाव आयोग द्वारा कमिश्नर और डीएम को हटाए जाने की पोस्ट गलत है।
- Claim Review : बनारस मामले में चुनाव आयोग ने डीएम और कमिश्नर को हटा दिया है
- Claimed By : FB User- Mahesh Singh
- Fact Check : झूठ
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