Fact Check: ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाले युवाओं का ये वीडियो है पुराना ,पीएम मोदी के हालिया पंजाब दौरे से नहीं है कोई संबंध
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक पाया गया। वायरल वीडियो का पीएम मोदी के हाल के पंजाब दौरे से कोई लेना-देना नहीं है। वीडियो 5 जनवरी 2022 का नहीं, पुराना है।
- By: Jyoti Kumari
- Published: Jan 8, 2022 at 12:40 PM
- Updated: Dec 14, 2023 at 04:13 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर 24 सेकेंड का एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ युवकों को मोटरसाइकिल पर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को शेयर करके यह दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो 5 जनवरी 2022 का पीएम मोदी के फिरोजपुर पंजाब दौरे का है और ये नारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान लगाए गए थे। विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की विस्तार से जांच की और इस दावे को भ्रामक पाया। असल में यह वीडियो दिसंबर 2021 का है, जिसे अब पीएम के पंजाब दौरे से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
फेसबुक यूजर Tarun Mehta ने 7 जनवरी को इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है : ਇਹ ਲਵੋ #ਸਬੂਤ ਜਿਹੜੇ ਕਿਹੰਦੇ ਨੇ #ਖਾਲਿਸਤਾਨੀ #ਦੇਸ਼ਧ੍ਰੋਹੀ ਨਹੀਂ ਸੀ ਕੱਲ #ਪ੍ਰਧਾਨਮੰਤਰੀ #ਮੋਦੀ ਜੀ ਦਾ ਰਾਹ ਰੋਕਣ ਵਾਲ਼ੇ। ਇਹ ਹੀ ਨੇ #ਗੱਦਾਰ ਜੋ #ਪੰਜਾਬ ਤੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਅਮਨ #ਸ਼ਾਂਤੀ ਨੂੰ ਭੰਗ ਕਰਨਾ ਚਉਂਦੇ ਨੇ। हिंदी अनुवाद : यह लो #सबूत जो कहते हैं #खालिस्तानी #देशद्रोही नहीं थे कल #प्रधानमंत्री #मोदी जी का राह रोकने वाले। यह ही हैं #गद्दार जो #पंजाब और देश की अमन #शांति को भंग करना चाहते हैं।
ऐसे ही एक अन्य यूजर Vinay Kapoor ने भी समान दावे के साथ वीडियो को शेयर किया।
यहां वायरल कंटेंट को ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।
पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई का पता लगाने के लिए विश्वास न्यूज ने गूगल पर कुछ कीवर्ड की मदद से सर्च किया। सर्च में हमें KesariMarch_ShaheediJorMela नाम के यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो अपलोड मिला । 27 दिसंबर 2021 को वीडियो अपलोड कर लिखा था – ਸ਼ਹੀਦੀ ਜੋੜ ਮੇਲੇ ਦੇ ਮੌਕੇ – ਕੇਸਰੀ ਮਾਰਚ “ਖਾਲਿਸਤਾਨ ਜ਼ਿੰਦਾਬਾਦ” ਦੇ ਨਾਹਰਿਆਂ ਨਾਲ ਗੂੰਜਿਆ” वीडियो में वायरल हिस्से को 1 मिनट 06 सेकंड से लेकर 1 मिनट 28 सेकंड के बीच देखा जा सकदा है। पूरी वीडियो को यहाँ देख सकते हैं।
Sikh in Canada नाम के एक अन्य यूट्यूब चैनल ने 27 दिसंबर, 2021 को वीडियो अपलोड कर लिखा हुआ था- “Khalistan Zindabaad दिसंबर 2021 शहीदी जोड़ मेले के मौके पर पंजाब के नौजवानों की तरफ से केसरी मार्च ” , वीडियो अनुसार : 26 दिसंबर 2021 शहीदी जोड़ मेले के मौके पर पंजाब के नौजवानों की तरफ से केसरी मार्च ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारों से गूंजा ” पूरा वीडियो यहां देखा जा सकता है।
फेसबुक पर सर्च करने पर हमें Kaur Harpreet पर 27 दिसंबर, 2021 को शेयर किया गया यह वीडियो मिला। वायरल वीडियो को “ਬਾਗੀ ਸਿੰਘ ਹਾਂਗਕਾਂਗ ” पेज पर भी देखा जा सकता है।
Narendra Modi fan नाम के एक ट्विटर हैंडल ने भी इसी तरह के दावे के साथ इस वीडियो को शेयर किया और “☬NeverForget1984☬” नाम के एक ट्विटर हैंडल ने इस वायरल पोस्ट के जवाब में लिखा: :This video is of 26 Dec 2021 from a Bike March in Remembrance of Chhote Sahibzade in Sirhind Punjab, not in ferozpur. Stop Defaming Punjab and Sikhs ”ट्वीट को नीचे देखो।
मामले में अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के फिरोजपुर इंचार्ज परमिंदर सिंह थिंड से संपर्क किया। हमने उनके साथ वायरल वीडियो को वॉट्सऐप पर भी शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो फिरोजपुर का नहीं है। वीडियो में दिख रहे लोगों ने पीएम मोदी का रास्ता नहीं रोका था , पीएम का रास्ता रोकने वाले कोई और लोग थे। वीडियो को पीएम मोदी के फिरोजपुर दौरे से जोड़कर गलत दावा किया जा रहा है। वायरल वीडियो का पीएम मोदी के हाल के फिरोजपुर दौरे से कोई लेना-देना नहीं है।
विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि वायरल वीडियो की घटना कितनी पुरानी है और कहां हुई थी, लेकिन यह साफ है कि इसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के पंजाब दौरे से कोई संबंध नहीं है।
जांच के अंत में हमने इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर Tarun Mehta की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से पता चला कि यूजर अमृतसर का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक पाया गया। वायरल वीडियो का पीएम मोदी के हाल के पंजाब दौरे से कोई लेना-देना नहीं है। वीडियो 5 जनवरी 2022 का नहीं, पुराना है।
- Claim Review : इसे लो सबूत जो कहते हैं खालिस्तानी देशद्रोही नहीं थे कल प्रधानमंत्री मोदी जी का राह रोकने वाले।
- Claimed By : Tarun Mehta
- Fact Check : भ्रामक
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