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Fact Check: महाराष्ट्र सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी के द्वारा फॉर्म के धर्म कॉलम से ‘हिंदू’ शब्द हटाए जाने का दावा भ्रामक है

महाराष्ट्र एसएससी बोर्ड परीक्षा आवेदन पत्र एमवीए सरकार द्वारा नहीं बदले गए थे। परिवर्तन 2013 में किए गए थे।

  • By: Ankita Deshkar
  • Published: Dec 2, 2021 at 06:20 PM
  • Updated: Dec 2, 2021 at 06:22 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़): सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा एचएससी परीक्षा में प्रवेश के लिए जारी किये गए फॉर्म की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि धर्म कॉलम से ‘हिंदू’ शब्द हटा दिया गया है और अब गैर-अल्पसंख्यक का इस्तेमाल किया जा रहा है। पोस्ट के साथ यह दावा किया जा रहा है कि एमवीए के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह बदलाव किए गए हैं। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि फॉर्म में बदलाव साल 2013 में किया गया था और इसे साल 2014 में लागू किया गया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

ट्विटर यूजर फ्रांकोइस गौटियर ने स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा: “हिंदू” शब्द धर्म कॉलम में महाराष्ट्र माध्यमिक और उच्च माध्यमिक रूपों से गायब हो गया … “हिंदू” के बजाय “गैर अल्पसंख्यक” का उपयोग किया गया था … यह पहली बार है, नहीं?

यहां पोस्ट और उसके आर्काइव लिंक को यहाँ देखें।

अन्य प्रोफाइल ने भी इसी तरह के दावों के साथ स्क्रीनशॉट साझा किया है।

https://twitter.com/neelakantha/status/1466303003586023430
https://twitter.com/itz_metoo/status/1466234323560849415
https://twitter.com/praveensharma61/status/1465525071540224005

पड़ताल:

विश्वास न्यूज ने गूगल पर साधारण कीवर्ड सर्च से अपनी जांच शुरू की। हमें 3 सितंबर, 2013 को टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर एक आर्टिकल मिला। आर्टिकल की हेडलाइन थी ‘एसएससी, एचएससी छात्र परीक्षा फॉर्म में अल्पसंख्यक स्थिति का उल्लेख कर सकते हैं।’ आर्टिकल में कहा गया है, “सोमवार को मंत्रालय में राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री आरिफ नसीम खान और स्कूल शिक्षा मंत्री राजेंद्र दर्डा के बीच हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है कि छात्रों के पास वर्तमान आवेदन प्रणाली में अपनी जाति (एससी/एसटी/ओबीसी) निर्दिष्ट करने का विकल्प है, लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।”

यहाँ से यह स्पष्ट हो गया कि ऑप्शन ‘हिंदू’ 2013 से फॉर्म में मौजूद नहीं है।

जांच के अंतिम चरण में विश्वास न्यूज ने अमरावती के शिक्षा बोर्ड के संयुक्त सचिव तेजराव काले से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर जो फॉर्म हम देखते हैं, वो 2014 से इस्तेमाल में है और तब से उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। जो लोग ‘ओपन ‘ श्रेणी से संबंधित हैं, उन्हें धर्म में गैर-अल्पसंख्यक चिह्नित करना होता है, हिंदू शब्द फॉर्म पर मौजूद नहीं है और हाल में हटाया नहीं गया था।

तेजराव काले ने विश्वास न्यूज के साथ दिनांक 03 दिसंबर 2020 की अधिसूचना की एक तस्वीर भी साझा की, जिस पर सचिव, राज्य बोर्ड, पुणे द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। अधिसूचना महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, पुणे द्वारा निकाली गई थी। उन्होंने कहा, “ऑनलाइन फॉर्म में अल्पसंख्यक धर्म खंड में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, सिख पारसी, जैन शामिल हैं। इसके साथ, कॉलम, ‘गैर-अल्पसंख्यक’ 2014 से फॉर्म में मौजूद है।”

बोर्ड ने नोटिफिकेशन के जरिए स्कूलों से परीक्षा के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की अपील की थी।

पड़ताल के आखिरी चरण में विश्वास न्यूज ने इस दावे को शेयर करने वाले यूजर के सोशल बैकग्राउंड की जांच की। फ़्राँस्वा गौटियर एक पत्रकार, लेखक, संग्रहालय निर्माता हैं। उनके 64.2K फॉलोअर्स हैं, जबकि वे 381 को फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: महाराष्ट्र एसएससी बोर्ड परीक्षा आवेदन पत्र एमवीए सरकार द्वारा नहीं बदले गए थे। परिवर्तन 2013 में किए गए थे।

  • Claim Review : The word ‘Hindu’ has disappeared from Maharashtra’s secondary and higher secondary school admission forms in the religion column.
  • Claimed By : सुशील पंडित Sushil Pandit
  • Fact Check : झूठ
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