Fact Check: किसान की यह मूर्ति करतारपुर कॉरिडोर में पाकिस्तान की तरफ नहीं, भारत की तरफ लगी हुई है
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर पाकिस्तान की नहीं है। किसान की यह मूर्ति करतारपुर साहिब कॉरिडोर के भारतीय कार्यालय के सामने लगी हुई है। यह मूर्ति हालिया नहीं, पुराना है। इस मूर्ति का किसान संघर्ष से कोई संबंध नहीं है।
- By: Jyoti Kumari
- Published: Nov 26, 2021 at 07:48 PM
- Updated: Nov 26, 2021 at 08:27 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक किसान की मूर्ति की तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह करतारपुर साहिब पाकिस्तान में बनी किसान की मूर्ति है, जिसे हाल में किसान आंदोलन के दौरान बनाया गया है। यूजर्स इसको सच मानते हुए वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की जांच की और पाया कि किसान की यह मूर्ति करतारपुर साहिब कॉरिडोर के भारतीय कार्यालय के सामने लगी हुई है। ना ही यह मूर्ति हालिया बनी है और ना ही यह पाकिस्तान की तरफ बनी हुई है। इस मूर्ति का किसान संघर्ष से भी कोई लेना-देना नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
फेसबुक यूजर ‘Aditya Kadyan’ने भारतीय किसान यूनियन ( BKU ) पेज पर 26 नवंबर को यह पोस्ट शेयर की और लिखा है ,करतारपुर साहिब में बनाई गई किसान की प्रतिमा जय किसान… किसान एकता जिंदाबाद ‘
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल की शुरुआत करते हुए सबसे पहले इस फोटो को यांडेक्स टूल में सर्च किया। यह तस्वीर हमें Kamaldeep Singh बराड़ नाम के एक ट्विटर यूजर के अकाउंट पर मिली। 19 नवंबर, 2021 को फोटो को शेयर कर लिखा हुआ था: A sculpture of farmer at Integrated Check Post Kartarpur Sahib corridor Dera Baba Nanak. ट्वीट में आप वायरल तस्वीर को देख सकते हैं।
हमें ढूंढ़ने पर Jatt Prabhjot नाम के यूट्यूब चैनल पर 18 नवंबर, 2021 को एक वीडियो भी अपलोड मिला। वीडियो में आप वायरल हो रही किसान के मूर्ति को देख सकते हो। यहाँ पूरी वीडियो देखें।
इसके बाद हमने यूट्यूब पर करतारपुर साहिब पर वीडियो देखने शुरू किये। हमें कई वीडियो में वायरल मूर्ति नज़र आयी। हमने पाया कि ज्यादातर वीडियो साल 2020 में अपलोड किए गए थे, जिससे पता चलता है कि ये मूर्ति बहुत समय से करतारपुर साहिब में स्थापित है।
इस मामले में अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के गुरदासपुर के पत्रकार सुनील थानेवालिया से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह मूर्ति भारत की तरफ है और यह हाल में नहीं बनी , पुरानी है। इसका किसान संघर्ष से कोई संबंध नहीं है।
पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज़ ने इस फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से पता चला कि इस पेज के 304.3K मेंबर हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर पाकिस्तान की नहीं है। किसान की यह मूर्ति करतारपुर साहिब कॉरिडोर के भारतीय कार्यालय के सामने लगी हुई है। यह मूर्ति हालिया नहीं, पुराना है। इस मूर्ति का किसान संघर्ष से कोई संबंध नहीं है।
- Claim Review : करतारपुर साहिब में बनाई गई किसान की प्रतिमाजय किसान... किसान एकता जिंदाबाद
- Claimed By : फेसबुक यूजर 'Aditya Kadyan'
- Fact Check : झूठ
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