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Fact Check: 2019 में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ BHU गेट पर हुए विरोध प्रदर्शन का वीडियो गलत दावे से वायरल

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के गेट के बाहर वर्ष 2019 में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के वीडियो को गलत दावे के साथ हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Oct 5, 2021 at 06:18 PM
  • Updated: Oct 5, 2021 at 07:17 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि गुजरात के वलसाड स्थित डीपीएस स्कूल राजबाग में पढ़ाने वाले शिक्षक शकील अहमद अंसारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए उनका अपमान किया।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा वीडियो 2019 में हुए नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ वाराणसी में हुए विरोध प्रदर्शन से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘राष्ट्र ध्वज’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”हिंदुओ सुन लो कि प्रधान मंत्री दारूबाज है, आप के whatsapp पे जितने भी नंबर एवं ग्रुप हैं एक भी छूटने नही चाहिए, ये वीडियो सबको भेजिए ये वलसाड के DPS SCHOOL Rajbag का टीचर शकील अहमद अंसारी है इसको इतना शेयर करो की ये टीचर और स्कूल दोनों बंद हो जाए । वीडियो वायरल होने से काफी फ़र्क पड़ता है ओर कार्यवाही होती है जिसे दया न आये वो अपना मुंह (टाइपिंग) बंद रखे ।”

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो के साथ दावा किया गया है कि इसमें नजर आ रहा व्यक्ति गुजरात के वलसाड के डीपीएस स्कूल राजबाग में पढ़ाने वाले शिक्षक शकील अहमद अंसारी हैं। सर्च में मिली जानकारी के मुताबिक, डीपीएस राजबाग जम्मू-कश्मीर के कठुआ में स्थित स्कूल है, जबकि वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि यह गुजरात के वलसाड में स्थित है। पड़ताल के इस चरण से साफ है कि डीपीएस की ऐसी कोई शाखा गुजरात में नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में है।

कठुआ स्थित डीपीएस राजबाग की तस्वीर

वायरल वीडियो में ‘Ltv’ का वाटरमार्क नजर आ रहा है। सर्च में हमें ‘The LTv’ के फेसबुक पेज पर 12 दिसंबर 2019 को अपलोड किया गया वीडियो मिला, जिसका एक अंश सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है।

वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, नागरिकता बिल पास होने के मामले में लोगों की तरफ से दी गई प्रतिक्रिया है। वीडियो में रिपोर्टर को यह साफ कहते सुए सुना जा सकता है, ‘आप लोग विरोध में उतरे हैं एनआरसी और कैब (CAB)के……बताइए क्या मामला है?’ वीडियो के बैकग्राउंड में अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के गेट को देखा जा सकता है।

हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के वाराणसी के रिपोर्टर शाश्वत मिश्र ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया, ‘यह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन का पुराना वीडियो है।’ न्यूज सर्च में livehindustan.com की वेबसाइट पर 10 दिसंबर 2019 को प्रकाशित खबर में भी बनारस में हुए इस विरोध प्रदर्शन की जानकारी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘लोकसभा में पास हो चुके नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ मंगलवार की शाम ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने बीएचयू गेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया। बिल को भेदभाव पूर्ण बताते हुए मशाल जुलूस भी निकाला गया।’

लाइव हिंदुस्तान की वेबसाइट पर 10 दिसंबर 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस्तेमाल तस्वीर, जो BHU गेट के बाहर नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में किए गए प्रदर्शन से संबंधित है

रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर में उस व्यक्ति को भी देखा जा सकता है, जिन्हें वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा करते हुए सुना जा सकता है। वायरल वीडियो को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित नजर आती है।

निष्कर्ष: गुजरात के वलसाड स्थित राजबाग डीपीएस में पढ़ाने वाले शिक्षक के नाम से वायरल हो रहा वीडियो न तो गुजरात से संबंधित है और न ही ऐसा कोई डीपीएस गुजरात में स्थित है। वायरल वीडियो वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के गेट के बाहर वर्ष 2019 में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन का है।

  • Claim Review : गुजारत के राजबाग डीपीएस के शिक्षक ने पीएम मोदी के खिलाफ दिया आपत्तिजनक बयान
  • Claimed By : FB User-राष्ट्र ध्वज
  • Fact Check : झूठ
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