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Quick Fact Check: भारतीय सेना में मुस्लिम रेजिमेंट को भंग किए जाने का दावा फिर से सोशल मीडिया पर वायरल, सेना में कभी नहीं थी ऐसी कोई रेजिमेंट

भारतीय सेना में कभी भी मुस्लिम रेजिमेंट नहीं थी, जिसे 1965 की लड़ाई के बाद भंग किए जाने का दावा किया जा रहा है। न ही भारतीय सेना में अभी तक ऐसा कोई मामला सामने आया है, जिसमें जवानों ने किसी युद्ध के दौरान लड़ाई लड़ने से मना कर दिया हो।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के इतिहास से जोड़कर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि 1965 के युद्ध में मुस्लिम रेजिमेंट ने पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ने से मना कर दिया था, जिसके बाद सेना ने मुस्लिम रेजिमेंट को भंग कर दिया।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। सोशल मीडिया पर यह दावा लगातार वायरल होता रहा है। इससे पहले भी कई बार अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह दावा वायरल हो चुका है। भारतीय सेना में कभी भी किसी मुस्लिम रेजिमेंट का अस्तित्व नहीं था और न ही सेना में ऐसा कोई मामला सामने आया है, जिसमें सैनिकों ने युद्ध के दौरान लड़ाई करने से मना कर दिया।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Shivam Rana’ ने वायरल पोस्ट को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”कम लोगों को ही पता है कि 1965 के युद्ध में मुस्लिम रेजिमेंट ने पाक से युद्ध लड़ने से मना कर दिया था। जिसके बाद मुस्लिम रेजिमेंट समाप्त कर दी गई थी।”

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल पोस्ट

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

भारतीय सेना में रेजिमेंट की स्थिति को जानने के लिए हमने भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट को चेक किया। वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना में मद्रास रेजिमेंट, राजपूत रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट, गोरखा रायफल्स, नागा रेजिमेंट समेत अन्य रेजिमेंट मौजूद हैं, लेकिन इसमें कहीं भी मुस्लिम रेजिमेंट का जिक्र नहीं है।


Source-Indian Army official website

न्यूज सर्च में हमें भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन का लिखा एक आर्टिकल मिला। हसनैन फिलहाल कश्मीर यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं। ‘The ‘missing’ muslim regiment: Without comprehensive rebuttal, Pakistani propaganda dupes the gullible across the board’ नाम से प्रकाशित इस आर्टिकल में उन्होंने इस मामले को पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) का दुष्प्रचार बताया है।

उन्होंने लिखा है, ‘पाकिस्तानी दुष्प्रचार का मूल यह है कि 1965 तक भारतीय सेना में मुस्लिम रेजिमेंट हुआ करती थी और युद्ध के दौरान 20,000 मुस्लिमों के पाकिस्तान से लड़ने से मना करने के बाद इस रेजिमेंट को भंग कर दिया गया। इसलिए 1971 की लड़ाई में एक भी मुस्लिम सैनिक नहीं लड़ा (दूसरा झूठ।)’

आर्टिकल में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘आजादी के बाद अधिकांश मुस्लिम अधिकारी और सैनिक पाकिस्तान चले गए और सेना में फिर इस समुदाय के लोगों की संख्या बहुत कम हो गई। हालांकि, ऐसे कई सब यूनिट्स हैं, जिसमें केवल मुस्लिम हैं।’

लेख के मुताबिक, ‘सेना में कभी कोई मुस्लिम रेजिमेंट नहीं था और निश्चित तौर पर 1965 में तो ऐसा कुछ भी नहीं था। हालांकि, अलग-अलग रेजिमेंट में मुस्लिम सैनिकों की वीरता की कई मिसालें हैं। आज के समय में परमवीर चक्र अब्दुल हमीद को कम याद किया जाता है। मेजर (जनरल) मोहम्मद जकी (वीर चक्र) और मेजर अब्दुल रफी खान (मरणोपरांत वीर चक्र), जिन्होंने अपने चाचा मेजर जनरल साहिबजादा याकूब खान, जो पाकिस्तानी डिविजन को कमांड कर रहे थे, के साथ जंग लड़ी। 1965 की लड़ाई में मुस्लिम योद्धाओं की ऐसी मिसालें मौजूद हैं। 1971 की लड़ाई में भी यही हुआ।’

न्यूज सर्च में हमें ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित एक आर्टिकल मिला, जिससे भारत के खिलाफ पाकिस्तानी ISPR के चलाए जा रहे ‘इन्फो वॉर’ के दावे की पुष्टि होती है।

विश्वास न्यूज की इस फैक्ट चेक रिपोर्ट में इस दावे की विस्तृत पड़ताल को पढ़ा जा सकता है।

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का निवासी बताया है। फेसबुक पर यह प्रोफाइल जुलाई 2016 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: 1965 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई के दौरान मुस्लिम सैनिकों के पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ने के दावे के साथ वायरल पोस्ट फर्जी है। भारतीय सेना में कभी भी मुस्लिम रेजिमेंट नहीं थी, जिसे 1965 की लड़ाई के बाद भंग किए जाने का दावा किया जा रहा है। न ही भारतीय सेना में अभी तक ऐसा कोई मामला सामने आया है, जिसमें जवानों ने किसी युद्ध के दौरान लड़ाई लड़ने से मना कर दिया हो।

  • Claim Review : युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने के बाद सेना ने भंग की मुस्लिम रेजिमेंट
  • Claimed By : FB User-Shivam Rana
  • Fact Check : झूठ
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