Quick Fact Check : मदरसे में हथियार मिलने के नाम पर वायरल की गई एडवांस हथियारों की तस्वीर, पोस्ट भ्रामक है
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। बिजनौर के मदरसे में 2019 में कोई एडवांस हथियार नहीं मिले थे। पुरानी घटना के साथ दूसरी जगह की पुरानी तस्वीर को जोड़कर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Jul 17, 2021 at 02:23 PM
- Updated: Jul 18, 2021 at 12:09 PM
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया में एक बार में फिर तीन तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है। इसे वायरल करते हुए एक समुदाय विशेष के खिलाफ निशाना साधा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि ये हथियार बिजनौर मदरसो से मिले हैं। विश्वास न्यूज ने पहले भी एक बार वायरल पोस्ट की जांच की थी। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। एक पुरानी घटना की तस्वीर के साथ एडवांस हथियारों भी एक फोटो जोड़कर इस कोलाज को बार-बार वायरल किया जाता है। 10 जुलाई 2019 को यूपी के बिजनौर मदरसे में छापेमारी के दौरान एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे, न कि कोई एडवांस हथियार।
हमारी पड़ताल में वायरल पोस्ट इसलिए भ्रामक साबित होती है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक पेज ‘का है बे ka h be’ ने 16 जुलाई को तीन तस्वीरों का एक कोलाज पोस्ट किया। इसमें एडवांस हथियारों वाली एक तस्वीर भी देखी जा सकती है। पोस्ट में तंजात्मक लहजे से लिखा गया कि बिजनौर मदरसे से प्राप्त पुस्तकें एवं पीछे खड़े शिक्षक। पोस्ट को अभी का समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज एक बार पहले भी वायरल पोस्ट की पड़ताल कर चुका है। पड़ताल के वक्त हमें जागरण डॉट कॉम की वेबसाइट पर 11 जुलाई 2019 को पब्लिश एक खबर मिली। इसमें बताया गया था कि बिजनौर के शेरकोट थाना क्षेत्र में कंदला रोड पर पुलिस ने दोपहर एक मदरसे और एक मकान में छापा मारा। इस दौरान मकान में तो कुछ नहीं मिला, लेकिन मदरसे में पुलिस ने बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं। बरामद हथियार में एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और कुछ जिंदा कारतूस शामिल है। इस दौरान पुलिस ने मदरसा संचालक सहित छह लोगों को हिरासत में लिया। पूरी खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं।
इसके बाद हमने तीनों तस्वीरों की विस्तार से जांच की। पहली और दूसरी तस्वीर को बिजनौर पुलिस ने 11 जुलाई 2019 को ट्वीट किया था। इसमें बताया गया कि थाना शेरकोट द्वारा मदरसे में अवैध शस्त्रों की तस्करी करते 06 अभियुक्तगण 01 पिस्टल, 04 तमंचे व भारी मात्रा में कारतूसों सहित गिरफ्तार। पूरा ट्वीट यहां देखें।
अंतिम तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली। हमें यह तस्वीर यहां मिली। इसके अलावा कई इस्टाग्राम यूजर ने भी इसे शेयर किया हुआ था।
हमें @mehrzadalavinia नाम के एक इंस्टाग्राम यूजर द्वारा शेयर की गई ये तस्वीर 17 April 2019 को उसके अकाउंट पर मिली। जबकि पुलिस ने मदरसे में 10 जुलाई 2019 को रेड डाली गई थी। इसी तरह सबसे पुरानी तस्वीर इंटरनेट पर हमें 11 नवंबर 2018 को मिली।
विश्वास न्यूज की पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ें।
पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने भ्रामक पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक पेज ‘का है बे ka h be’ को 19 हजार से ज्यादा लोग लाइक करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। बिजनौर के मदरसे में 2019 में कोई एडवांस हथियार नहीं मिले थे। पुरानी घटना के साथ दूसरी जगह की पुरानी तस्वीर को जोड़कर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।
- Claim Review : बिजनौर के मदरसे की तस्वीरें
- Claimed By : फेसबुक पेज 'का है बे ka h be'
- Fact Check : भ्रामक
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