Fact Check: नीदरलैंड में 5वीं क्लास से गीता की पढ़ाई अनिवार्य बताने वाला दावा झूठा
नीदरलैंड के स्कूलों में 5वीं क्लास से गीता की पढ़ाई को अनिवार्य किए जाने का दावा गलत है। नीदरलैंड के शिक्षा मंत्रालय ने इस दावे को खारिज किया है।
- By: ameesh rai
- Published: Jul 2, 2021 at 06:44 PM
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर धार्मिक किताब गीता को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि नीदरलैंड में पांचवीं क्लास से भगवद् गीता की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। नीदरलैंड शिक्षा मंत्रालय ने पुष्टि करते हुए बताया है कि ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।
क्या हो रहा है वायरल
ट्विटर यूजर Gaurav Kumar ने 28 जून 2021 को एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में दो बच्चे दिख रहे हैं, जिनके हाथ में गीता है। तस्वीर पर लिखा है कि नीदरलैंड के कानून के मुताबिक क्लास 5वीं से भगवद् गीता की कक्षाएं अनिवार्य कर दी गई हैं। इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले इसे इंटरनेट पर ओपन सर्च किया। हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो इस वायरल दावे की पुष्टि करती हो कि नीदरलैंड ने क्लास 5वीं से गीता की पढ़ाई को अनिवार्य कर दिया है। हमने इस दावे की पड़ताल के लिए जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इंटरनेट पर सर्च किया। हमने यह जानना चाहा कि आखिर नीदरलैंड के स्कूलों में अनिवार्य विषय क्या हैं। हमें नीदरलैंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट government.nl पर इस संबंध में जानकारी मिली।
इस वेबसाइट के प्राइमरी एजुकेशन सेक्शन में उन विषयों के बारे में बताया गया है, जिन्हें नीदरलैंड के स्कूलों में अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाता है। इसमें कोई धार्मिक विषय नहीं है। यहां स्पष्ट रूप से बताया गया है कि नीदरलैंड के लगभग सभी प्राइवेट स्कूलों में तो धार्मिक शिक्षा दी जाती है, लेकिन पब्लिक अथॉरिटी प्राइमरी स्कूलों में ऐसा नहीं किया जाता। इस जानकारी को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इतनी जानकारी जुटाने के बाद हमने इस तस्वीर के बारे में पड़ताल शुरू की। हमने वायरल तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें यह तस्वीर Pinterest साइट पर भी मिली। साथ ही हमें यहां वायरल तस्वीर में दिख रही एक बच्ची की सोलो तस्वीर भी मिली।
हमने बच्ची की सोलो तस्वीर पर आगे मल्टीपल गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें iskcondesiretree.com पर Beautiful little Vaisnava टाइटल से बनाई गई एक फोटो गैलरी में यह वायरल तस्वीर मिली। यह फोटो गैलरी 20 सितंबर 2013 को बनाई गई है। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।
हमारी अबतक की पड़ताल से यह बात साफ हो चुकी थी कि यह तस्वीर 2013 से ही इंटरनेट पर मौजूद है। इस तस्वीर के इस्कॉन से भी जुड़े होने के संकेत मिले। अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल दावे को डच एजुकेशन मिनिस्ट्री की प्रेस टीम के साथ मेल पर पर साझा किया। हमें डच मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के प्रेस ऑफिसर Martijn Kamans ने जवाब देते हुए लिखा कि डच स्कूलों में गीता को अनिवार्य नहीं किया गया है।
हमने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले ट्विटर यूजर Gaurav Kumar की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल जनवरी 2021 में बनाई गई है और फैक्ट चेक किए जाने तक इस प्रोफाइल के 11 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: नीदरलैंड के स्कूलों में 5वीं क्लास से गीता की पढ़ाई को अनिवार्य किए जाने का दावा गलत है। नीदरलैंड के शिक्षा मंत्रालय ने इस दावे को खारिज किया है।
- Claim Review : नीदरलैंड में पांचवीं क्लास से भगवद् गीता की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है।
- Claimed By : ट्विटर यूजर Gaurav Kumar
- Fact Check : झूठ
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