Fact Check: ‘ब्लू जावा’ किस्म के नाम पर गहरे नीले केले की वायरल हो रही तस्वीर फर्जी
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jun 26, 2021 at 09:09 PM
- Updated: Jun 26, 2021 at 09:47 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें केले की एक किस्म ‘ब्लू जावा’ का जिक्र करते हुए उसकी तस्वीर को साझा किया जा रहा है। तस्वीर में नजर आ रहा केला गहरे नीले रंग का नजर आ रहा है और दावा किया जा रहा है कि ‘ब्लू जावा’ किस्म के केले इसी रंग के होते हैं और छिलके के भीतर का खाने योग्य हिस्सा भी वैसे ही गहरे ब्लू रंग का होता है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ‘ब्लू जावा’ किस्म के नाम पर वायरल हो रही यह तस्वीर फर्जी है। यह सही है कि ‘ब्लू जावा’ केले की एक किस्म होती है लेकिन वह गहरे नीले रंग का केला नहीं होता है, जैसा कि वायरल तस्वीर में देखा जा सकता है। साथ ही इस केले का भीतरी हिस्सा भी अन्य केले की तरह सफेद होता है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
daily_news_hub नाम के इंस्टाग्राम पेज ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को पोस्ट करते हुए लिखा है, ”ब्लू जावा केले का स्वाद वैनिला आइसक्रीम के जैसा होता है।” वायरल तस्वीर में केले को गाढ़ा नीले रंग का दिखाया गया है। यहां तक की तस्वीर में केले के भीतर का हिस्सा भी नीला नजर आ रहा है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
इंटरनेट पर सर्च करने पर पता चला कि ‘ब्लू जावा’ एक केले की किस्म है जो अपने मीठे सुगंधित स्वाद के लिए जानी जाती है। यह मूल रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया में पैदा होता है। अमेरिकी राज्य हवाई और फिजी में भी इसकी खेती होती है। इसे ‘ब्लू बनाना’, ‘आइसक्रीम बनाना’, ‘हवाईयन बनाना’, ‘नेय मन्नान’, ‘क्री’ या ‘सेनिजो’ जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। यानी साफ है कि ‘ब्लू जावा’ केले की एक किस्म होती है, जिसकी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में व्यापक रूप से खेती की जाती है।
सर्च में हमें ऐसे कई अलग (आर्काइव लिंक) अलग (आर्काइव लिंक)न्यूज आर्टिकल मिले, जिसमें वायरल हो रही तस्वीर का ही इस्तेमाल किया गया है। वायरल तस्वीर के साथ किए गए दावे की सत्यता का पता लगाने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। सर्च में हमें यू-ट्यूब पर 13 जनवरी 2020 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला।
‘Weird Explorer’ नाम के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर मौजूद वीडियो में जेर्फ रेडेलेक को इस किस्म की प्रजाति के केले को लेकर वायरल दावों का खंडन करते हुए देखा और सुना जा सकता है।
रेडेलेक के मुताबिक इस किस्म के कच्चे केले का बाहरी आवरण चमकीले ब्लू रंग का नजर आता है लेकिन यह वैसा नहीं है, जैसा कि वायरल हो रही तस्वीर में नजर आ रहा है। दूसरा इसका गुदा या भीतर का हिस्सा अन्य केले की ही तरह सफेद होता है, न कि नीला, जैसा कि तस्वीर में दिखाया गया है। उन्होंने वीडियो में ‘ब्लू जावा’ किस्म को ऑनलाइन चखकर भी बताया। उन्होंने कहा, ‘यह कहना कि इसका स्वाद वैनिला आइसक्रीम की तरह होता है, यह भी दावा गलत है। लेकिन इसका स्वाद क्रीम की तरह जरूर होता है।’
इस यू-ट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन में हमें फलों की बिक्री करने वाले वाले वेबसाइट का यूआरएल मिला, जहां हमें केले की कई अन्य किस्मों के साथ ‘ब्लू जावा’ की तस्वीर भी मिली। यहां मौजूद तस्वीर भी वायरल हो रही तस्वीर से बिलकुल मेल नहीं खाती है। वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर में कच्चे केले का बाहरी हिस्सा हल्के नीले रंग का दिख रहा है लेकिन यह बिलकुल वैसा नहीं है, जैसा कि वायरल तस्वीर में दिख रहा है।
इसके बाद हमने इंटरनेट पर फलों संबंधी वेबसाइट और ऑनलाइन पुस्तकों को खंगाला, जिसमें फ्लोरिडा बेस्ट फ्रूट एंड प्लांट, वी द ईटर, फूड एंड वाइन और मार्डन फूड सर्विस पर्चेजिंग जैसी दर्जनों किताबों में ‘ब्लू जावा’ केले की किस्म और इसके स्वाद के बारे में जानकारी मिली, लेकिन यहां भी हमें ऐसी कोई तस्वीर नहीं मिली, जो वायरल तस्वीर में नजर आ रही है।
growables.org वेबसाइट पर हमें केले की अलग-अलग किस्मों के बारे में जानकारी और उसकी तस्वीरें भी मिलीं। यहां भी ‘ब्लू जावा’ किस्म के केले की तस्वीर वैसी ही दिखी, जैसे कि सामान्य तौर पर केले की किसी किस्म की होती है। वेबसाइट के मुताबिक, ‘ब्लू जावा किस्म को आइस क्री के नाम से भी जाना जाता है।’ इसके अन्य नाम वहीं है, जिसका जिक्र ऊपर किया गया है।
वेबसाइट में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘ब्लू जावा किस्म का केला पकने पर पीले रंग का हो जाता है और इसके भीतर का हिस्सा अन्य केले की ही तरह सफेद क्रीमी रंग का नजर आता है।’
वायरल हो रही तस्वीर को लेकर हमने कृषि विज्ञान केंद्र वाराणसी के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ एमके सिंह से बात की। उन्होंने वायरल तस्वीर को फर्जी बताते हुए कहा, ‘केले का बाहरी छिलका हमेशा हरा, पीला या सड़ने के बाद काला होता है। छिलका कभी भी गहरे नीले रंग का नहीं होता है। केले के अंदर का हिस्सा हमेशा सफेद ही होता है। यह हिस्सा कभी नीला नहीं होता जैसा फोटो में दिख रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘कई बार किसान भी सोशल मीडिया की तस्वीरों से भ्रमित होकर हमारे पास आते हैं और ऐसी ही किस्म उगाने के लिए सहायता मांगते हैं।’
वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले पेज को इंस्टाग्राम पर दो लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: ‘ब्लू जावा’ केले की किस्म के नाम पर वायरल हो रही तस्वीर फर्जी है। इस किस्म का केला भी अन्य केले की ही तरह होता है, न कि गाढ़ा नीले रंग का, जैसा कि वायरल तस्वीर में दिखाया गया है। इस केले का अंदरूनी हिस्सा भी अन्य केले की किस्मों की तरह सफेद होता है।
- Claim Review : 'ब्लू जावा' केले की तस्वीर
- Claimed By : Instagram User-daily_news_hub
- Fact Check : झूठ
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