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Fact Check: फेसबुक आपकी न्यूज फीड को 25 दोस्तों तक सीमित नहीं कर रहा, वायरल मैसेज पुराना और फर्जी

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Jun 4, 2021 at 06:48 PM
  • Updated: Jun 18, 2021 at 12:33 AM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। फेसबुक पर तेजी से वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक यूजर्स की न्यूज फीड को सीमित कर रहा है। दावा किया गया है कि अगर कोई यूजर वायरल पोस्ट में लिखे गए कंटेंट को कॉपी कर उसे अपने टाइमलाइन पर पोस्ट कर करता है तो वह फेसबुक के अल्गोरिदम को बदल सकता है और फिर इसके बाद उसे पुराने 26 दोस्तों की बजाए नए लोगों के पोस्ट दिखाई देने लगेगा। इस प्रक्रिया के बाद किसी यूजर को ’26 दोस्तों’ के पोस्ट्स नहीं दिखाई देंगे, जो उसे अक्सर दिखाई देते हैं।

फेसबुक पर इस मैसेज को अनेक यूजर्स ने समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा पूरी तरह से गलत निकला। हालांकि, यह पहली बार नहीं, जब यह मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इससे पहले भी यह मैसेज समान दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Amitaabh Srivastava’ ने वायरल पोस्ट को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”I was wondering where everyone went! Thanks for the tip to circumvent Facebook… Works!! I have a whole new profile. I see posts from people I didn’t see anymore. Facebook’s new algorithm picks the same people – around 25-who will see your posts. Hold your finger anywhere in this post and click ” copy “. Go to your page where it says ” what’s on your mind”. Tap your finger anywhere in the empty field. Click paste. This is going to circumvent the system. Hello new and old friends! Drop a single hello, thanks! PLEASE SAY HELLO IF YOU SEE THIS..Hello”

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट

हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ”मैं सोच रहा था कि सब कहां गए! फेसबुक को दरकिनार करने की युक्ति के लिए धन्यवाद… काम करता है !! मेरे पास एक पूरी नई प्रोफ़ाइल है। मुझे उन लोगों की पोस्ट दिखाई देती हैं जिन्हें मैंने अब और नहीं देखा। फेसबुक का नया एल्गोरिदम उन्हीं लोगों को चुनता है – लगभग 25 – जो आपकी पोस्ट देखेंगे। इस पोस्ट में कहीं भी अपनी उंगली पकड़ें और “कॉपी करें” पर क्लिक करें। अपने पेज पर जाएं जहां यह लिखा हो “आपके दिमाग में क्या है”। अपनी उंगली को खाली मैदान में कहीं भी टैप करें। पेस्ट पर क्लिक करें। यह सिस्टम को दरकिनार करने वाला है। नए और पुराने दोस्तों को नमस्कार! एक भी नमस्ते छोड़ो, धन्यवाद!
यदि आप इसे देखते हैं तो कृपया नमस्ते कहें नमस्ते ”

पड़ताल

वायरल हो रहे कंटेंट को सर्च करने पर हमें पता चला कि फेसबुक पर अनेक यूजर्स ने इसे सच मानते हुए अपनी-अपनी प्रोफाइल से शेयर किया है। सर्च में हमें यह भी पता चला कि यह पोस्ट पहली बार नहीं, बल्कि फेसबुक पर समान दावे के साथ पहले भी वायरल हो चुका है और तब फेसबुक की तरफ से इसका खंडन करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया गया था।

6 फरवरी 2019 को फेसबुक की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक, ‘कॉपी और पेस्ट के दावे के साथ वायरल हो रहा यह मैसेज इंटरनेट जितना पुराना है। 2017 में यह फिर से वायरल होना शुरू हुआ और समय-समय पर यह सोशल मीडिया पर वायरल होते रहता है।’

बयान के मुताबिक, ‘मीम में फेसबुक के ‘नए अल्गोरिदम’ का दावा किया गया है, जो आपके न्यूज फीड को 25 या फिर 26 लोगों के देखने तक सीमित कर देता है। इस पोस्ट पर यूजर्स से कमेंट करने के लिए कहा जा रहा है, ताकि वह फेसबुक के अल्गोरिदम को तोड़कर बाहर निकल सकें।’
बयान के मुताबिक, ‘फेसबुक आपके न्यूज फीड में दिखने वाले लोगों के पोस्ट्स की संख्या को सीमित नहीं करता है।’ प्रोडक्ट मैनेजर राम्या सेतुरमन के मुताबिक, ‘यह कहना कि फेसबुक पर आपका पोस्ट केवल सीमित संख्या में आपके दोस्तों को दिखाई देता है, पूरी तरह से काल्पनिक है। न्यूज फीड का लक्ष्य आपको वैसे पोस्ट्स दिखाना है, जो आपके लिए महत्वपूर्ण है, ताकि आपका अनुभव आरामदायक रहे।’

आपकी न्यूज फीड में दिखने वाला कंटेंट और उसकी रैंकिंग के बारे में और अधिक स्पष्टता के लिए फेसबुक के इस वीडियो को देखना चाहिए।

यानी यह कहना पूरी तरह से काल्पनिक है कि फेसबुक का अल्गोरिदम किसी यूजर की न्यूज फीड को सीमित संख्या में कुछ लोगों को ही देखने की अनुमति देता है और इस अल्गोरिदम को किसी मैसेज को कॉपी पेस्ट कर बदला जा सकता है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह मैसेज पूरी तरह से काल्पनिक और फर्जी है कि फेसबुक का अल्गोरिदम आपकी न्यूज फीड को 26 दोस्तों के पोस्ट्स तक सीमित कर रहा है।

  • Claim Review : न्यूज फीड को सीमित कर रहा फेसबुक
  • Claimed By : FB User-Amitaabh Srivastava
  • Fact Check : झूठ
झूठ
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