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Fact Check: तस्वीर में दिख रही महिला अधिकारी के साथ गढ़ी जा रही कहानी मनगढ़ंत है

वायरल दावा फर्जी है। असल में तस्वीर में दिख रही महिला अवंतिका तिवारी हैं, जो मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में तहसीलदार हैं, कलेक्टर नहीं। वायरल पोस्ट में उनकी तस्वीर के साथ लिखी कहानी मनगढ़ंत है।

विश्वास न्यूज़, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर आजकल एक महिला की तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह महिला उसी इलाके में कलेक्टर बन गयी हैं, जहां एक बार उन्हें दसवीं की परीक्षा पास करने पर एक होटल के मालिक ने पार्टी दी थी, क्योंकि महिला के पिता के पास अपनी बेटी को पार्टी देने के पैसे नहीं थे। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में तस्वीर में दिख रही महिला अवंतिका तिवारी हैं, जो मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में तहसीलदार हैं, कलेक्टर नहीं। वायरल कहानी मनगढ़ंत है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूजर ‘Ajay Chawda’ ने एक महिला की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, “#एक फटी धोती और फटी #कमीज पहने एक व्यक्ति अपनी 15-16 साल की बेटी के साथ एक बड़े होटल में पहुंचा। उन दोंनो को कुर्सी पर बैठा देख एक #वेटर ने उनके सामने दो #गिलास साफ ठंडे पानी के रख दिए और पूछा- आपके लिए क्या लाना है? उस व्यक्ति ने कहा- “मैंने मेरी बेटी को वादा किया था कि यदि तुम कक्षा दस में जिले में प्रथम आओगी तो मैं तुम्हे शहर के सबसे बड़े होटल में एक डोसा खिलाऊंगा। इसने वादा पूरा कर दिया। कृपया इसके लिए एक डोसा ले आओ।”वेटर ने पूछा- “आपके लिए क्या लाना है?” उसने कहा-“मेरे पास एक ही डोसे का पैसा है।”पूरी बात सुनकर वेटर मालिक के पास गया और पूरी कहानी बता कर कहा-“मैं इन दोनो को भर पेट नास्ता कराना चाहता हूँ।अभी मेरे पास पैसे नहीं है,इसलिए इनके बिल की रकम आप मेरी सैलेरी से काट लेना।”मालिक ने कहा- “आज हम होटल की तरफ से इस #होनहार बेटी की सफलता की पार्टी देंगे।” होटलवालों ने एक टेबल को अच्छी तरह से सजाया और बहुत ही शानदार ढंग से सभी उपस्थित ग्राहको के साथ उस गरीब बच्ची की सफलता का जश्न मनाया।मालिक ने उन्हे एक बड़े थैले में तीन डोसे और पूरे मोहल्ले में बांटने के लिए मिठाई उपहार स्वरूप पैक करके दे दी। इतना सम्मान पाकर आंखों में खुशी के आंसू लिए वे अपने घर चले गए। समय बीतता गया और एक दिन वही लड़की I.A.S.की परीक्षा पास कर उसी शहर में कलेक्टर बनकर आई।उसने सबसे पहले उसी होटल मे एक सिपाही भेज कर कहलाया कि कलेक्टर साहिबा नास्ता करने आयेंगी। होटल मालिक ने तुरन्त एक टेबल को अच्छी तरह से सजा दिया।यह खबर सुनते ही पूरा होटल ग्राहकों से भर गया। कलेक्टर रूपी वही लड़की होटल में मुस्कराती हुई अपने माता-पिता के साथ पहुंची।सभी उसके सम्मान में खड़े हो गए।होटल के मालिक ने उन्हे गुलदस्ता भेंट किया और आर्डर के लिए निवेदन किया।उस लड़की ने खड़े होकर होटल मालिक और उस बेटर के आगे नतमस्तक होकर कहा- “शायद आप दोनों ने मुझे पहचाना नहीं।मैं वही लड़की हूँ जिसके पिता के पास दूसरा डोसा लेने के पैसे नहीं थे और आप दोनों ने #मानवता की सच्ची मिसाल पेश करते हुए,मेरे पास होने की खुशी में एक शानदार पार्टी दी थी और मेरे पूरे मोहल्ले के लिए भी मिठाई पैक करके दी थी। 🎈आज मैं आप दोनों की बदौलत ही कलेक्टर बनी हूँ।आप दोनो का एहसान में सदैव याद रखूंगी।आज यह पार्टी मेरी तरफ से है और उपस्थित सभी ग्राहकों एवं पूरे होटल स्टाफ का बिल मैं दूंगी।कल आप दोनों को “” श्रेष्ठ नागरिक “” का सम्मान एक नागरिक मंच पर किया जायेगा।।”

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने इस फोटो को गूगल रिवर्स इमेज पर शेयर किया। हमें यह तस्वीर dr_avantika_tiwari नाम के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर मिली।

हमें यही तस्वीर अवंतिका तिवारी के ट्विटर हैंडल पर भी उनके प्रोफाइल पिक के रूप में मिली।

इंटरनेट पर तहसीलदार अवंतिका तिवारी कीवर्ड्स के साथ सर्च करने पर हमें पता चला कि अवंतिका तिवारी मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में तहसीलदार हैं, कलेक्टर नहीं। यहाँ कहीं भी हमें उनके बारे में ऐसी कोई मार्मिक कहानी नहीं मिली।

वायरल क्लेम की पुष्टि के लिए हमने अवंतिका तिवारी से संपर्क साधा। अवंतिका तिवारी के असिस्टेंट अशोक ने पुष्टि की कि ये तस्वीर अवंतिका तिवारी की है मगर उसके साथ लिखी कहानी फर्जी है। उनके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ।

हमने इस मामले में दैनिक जागरण के सहयोगी अख़बार नईदुनिया के पन्ना संवाददाता राकेश शर्मा से भी बात की। उन्होंने बताया, तहसीलदार अवंतिका तिवारी ने कन्फर्म किया है कि कहानी फर्जी है।

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है ‘Daily Current Affair and Education News’ नाम का फेसबुक पेज। प्रोफाइल के अनुसार, इस पेज के फेसबुक पर कुल 4,105 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: वायरल दावा फर्जी है। असल में तस्वीर में दिख रही महिला अवंतिका तिवारी हैं, जो मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में तहसीलदार हैं, कलेक्टर नहीं। वायरल पोस्ट में उनकी तस्वीर के साथ लिखी कहानी मनगढ़ंत है।

  • Claim Review : यह महिला उसी इलाके में कलेक्टर बन गयी हैं, जहां एक बार उन्हें दसवीं की परीक्षा पास करने पर एक होटल के मालिक ने पार्टी दी थी, क्योंकि महिला के पिता के पास अपनी बेटी को पार्टी देने के पैसे नहीं थे।
  • Claimed By : Daily Current Affair and Education News
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