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Fact Check: सीरिया में 2015 में ज़ख़्मी हुई बच्ची की तस्वीर को फलस्तीन की बता कर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया कि ज़ख़्मी बच्ची की यह तस्वीर 2015 की सीरिया की है। इस तस्वीर का फलस्तीन से कोई लेना-देना नहीं है। वायरल किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है।

  • By: Umam Noor
  • Published: May 16, 2021 at 11:41 AM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। पिछले दिनों इजराइल और फलस्तीन के बीच हुए हमलों में कई लोगों की मौत हो गई और बहुत-से लोग ज़ख़्मी हुए। अब ऐसे में एक ज़ख़्मी बच्ची की तस्वीर वायरल हो रही है और उसके सिर पर पट्टी बंधी हुई है। सोशल मीडिया यूजर्स तस्वीर को फलस्तीन की हाल की बताकर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर 2015 की सीरिया की है। इस तस्वीर का फलस्तीन में चल रहे संघर्ष से कोई ताल्लुक नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Naushad Sahil ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, ‘सुना है की तुझे दर्द का एहसास नही होता आ तुझे शहर-ए #फिलिस्तीन ले चले।  या अल्लाह  मुस्लिमों की हिफाजत फरमा #Ameen” .

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये वायरल की जा रही तस्वीर को सर्च किया। सर्च में हमें यही तस्वीर न्यूयॉर्क टाइम्स की वेबसाइट पर 15 सितम्बर 2015 को पब्लिश हुए आर्टिकल में मिली। आर्टिकल में सीरिया के लोगों की आम ज़िंदगी के बारे में बताया गया, इसमें हमें वायरल तस्वीर भी दिखी।

न्यूज़ सर्च में cbsnews.com की वेबसाइट पर 15 मार्च 2016 को ‘वॉर इन सीरिया’ नाम के आर्टिकल में वायरल तस्वीर मिली। तस्वीर के साथ दी गयी जानकारी के मुताबिक, ’22 अगस्त, 2015 को सीरियाई सरकारी बलों द्वारा गोलाबारी और हवाई हमले के बाद राजधानी दमिश्क के पूर्व में डौमा के विद्रोही कब्जे वाले इलाके में एक घायल सीरियाई लड़की अस्थायी अस्पताल में।’ फोटो को खींचने वाले फोटोग्राफर एबीडी डौमनी, एएफपी, गेट्टी इमेजेज भी लिखा हुआ नज़र आया।

गेट्टी इमेजेज पर वायरल तस्वीर को सीरियन कनफ्लिक्ट के नाम से हमने सर्च किया और हमें इसी बच्ची की तस्वीर मिली। यहाँ दी गयी जानकारी के मुताबिक, ‘एक घायल सीरियाई लड़की 22 अगस्त, 2015 को सीरियाई सरकारी बलों द्वारा गोलाबारी और हवाई हमले के बाद राजधानी दमिश्क के पूर्व में डौमा के विद्रोही-आयोजित क्षेत्र में एक अस्थायी अस्पताल में। कम से कम 20 नागरिक और डौमा में 200 घायल या फंसे हुए हैं। एएफपी फोटो / एबीडी डौमनी

वायरल फोटो से जुडी पुष्टि के लिए हमने फोटोग्राफर एबीडी डौमनी से इंस्टाग्राम के ज़रिये संपर्क किया और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर उन्होंने ही कुछ साल पहले सीरिया में खींची थी।

15 मई 2021 को reuters.com की वेबसाइट पर पब्लिश हुई खबर के मुताबिक, ‘इजरायल और फलस्तीन के बीच तनाव तेज होता जा रहा है। फलस्तीनियों का कहना है कि गाजा में सोमवार को हुए संघर्ष के बाद से अब तक 39 बच्चों सहित कम से कम 139 लोग मारे जा चुके हैं। इजरायल में दो बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो गई है। पूरी खबर यहाँ पढ़ें।

अब बारी थी फ़र्ज़ी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर नौशाद साहिल की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि यूजर महाराष्ट्र का रहने वाला है और फेसबुक पर काफी एक्टिव है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया कि ज़ख़्मी बच्ची की यह तस्वीर 2015 की सीरिया की है। इस तस्वीर का फलस्तीन से कोई लेना-देना नहीं है। वायरल किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है।

  • Claim Review : सुना है की तुझे दर्द का एहसास नही होता आ तुझे शहर-ए #फिलिस्तीन ले चले
  • Claimed By : Naushad Sahil
  • Fact Check : झूठ
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